महाकुंभ से यूपी ने कितनी कमाई बटोरी?

महाकुंभ से यूपी ने कितनी कमाई बटोरी?

महाकुंभ: आस्था और अर्थव्यवस्था का संगम

महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है। उत्तर प्रदेश सरकार और स्थानीय व्यापारियों के लिए यह करोड़ों की कमाई का जरिया बनता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि महाकुंभ के दौरान किए गए 7500 करोड़ के निवेश से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 3.30 लाख करोड़ का लाभ हुआ

विशेषज्ञों के अनुसार, महाकुंभ 2024 में लगभग 66 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे, जिन्होंने औसतन 5000 रुपये प्रति व्यक्ति खर्च किए। इसका सीधा असर यातायात, होटल, खानपान, परिवहन और अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों पर पड़ा।

परिवहन से आया 1.50 लाख करोड़ का राजस्व

महाकुंभ में श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं, जिससे परिवहन क्षेत्र को भारी लाभ होता है। रेलवे, बस, टैक्सी, और हवाई यातायात से संबंधित सेवाओं ने अभूतपूर्व लाभ कमाया।

  • रेलवे टिकट बुकिंग और स्पेशल ट्रेनों की संख्या में वृद्धि
  • टैक्सी और ऑटो रिक्शा किराए में 3-4 गुना तक बढ़ोतरी
  • बस और फ्लाइट सेवाओं का पूर्णतः बुक रहना

होटल इंडस्ट्री ने किया 40 हजार करोड़ का कारोबार

प्रयागराज और आसपास के क्षेत्र में 200+ होटल, 204 गेस्ट हाउस और 90+ धर्मशालाएं स्थित हैं। इस दौरान:

  • होम-स्टे सेवाओं का जबरदस्त विस्तार (50,000 से ज्यादा लोगों ने अपने घर किराए पर दिए)
  • तीन सितारा होटल 3000 रुपये प्रति रात से बढ़कर 15,000 रुपये तक
  • डोम सिटी में 1 लाख रुपये तक किराया और 100% बुकिंग

टोल प्लाजा को 300 करोड़ रुपये की आमदनी

प्रयागराज में आने वाले सात प्रमुख मार्गों पर स्थित टोल प्लाजा से भी बड़ा राजस्व प्राप्त हुआ।

  • प्रयागराज-मिर्जापुर मार्ग – 50 करोड़
  • प्रयागराज-रीवा, चित्रकूट, कानपुर और लखनऊ मार्ग – शेष 250 करोड़
  • एक कार वाले को औसतन 350 रुपये का टोल खर्च करना पड़ा

खानपान उद्योग में 33 हजार करोड़ से ज्यादा की कमाई

महाकुंभ में खानपान की दुकानों ने भी जबरदस्त मुनाफा कमाया। कुछ प्रमुख उदाहरण:

1. महाराजा कचौड़ी एंड प्रसाद भोग

  • टेंडर लागत: 92 लाख रुपये
  • औसतन 8-9 हजार प्लेट कचौड़ी बिक्री प्रति दिन
  • एक दिन की अनुमानित बिक्री: 5 लाख रुपये से अधिक

2. बजरंग भोग (लेटे हुए हनुमान मंदिर के पास)

  • 2-3 टन लड्डू बिक्री प्रति दिन
  • रोजाना बिक्री: 3 लाख रुपये
  • लड्डू का भाव: 160 रुपये किलो से बढ़कर 280 रुपये किलो

3. ठेले और छोटे व्यवसाय

  • 400-500 प्लेट कचौड़ी की बिक्री प्रति दिन
  • 30-35 हजार रुपये की रोजाना कमाई
  • 500 से ज्यादा ठेले वालों की आमदनी 2000-3000 रुपये प्रति दिन

व्यापारिक स्थानों की नीलामी से 8 हजार दुकानें बिकीं

इस बार 8 हजार दुकानों का अलॉटमेंट किया गया, जिसमें:

  • दुकानों की कीमत 10 हजार से लेकर 50 लाख रुपये तक
  • शहर में दुकानों का अलॉटमेंट नगर निगम द्वारा
  • डिमांड अधिक होने से दुकानों की कीमतें 4-5 गुना बढ़ीं

निष्कर्ष: महाकुंभ से यूपी को ऐतिहासिक आर्थिक लाभ

महाकुंभ सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आर्थिक महोत्सव भी साबित हुआ3.30 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला यह आयोजन पर्यटन, व्यापार और स्थानीय रोजगार को भी संबल देता है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि महाकुंभ उत्तर प्रदेश की आर्थिक रीढ़ बन चुका है।

Subhash Shekhar

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