जेएसएससी सीजीएल परीक्षा के पेपर लीक मामले ने झारखंड के शिक्षा तंत्र और परीक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सीआईडी की एसआईटी ने इस मामले में कई चौंकाने वाले सबूत जुटाए हैं, जो दर्शाते हैं कि पेपर लीक होने की खबरें सिर्फ अफवाहें नहीं थीं।
पेपर लीक मामले का खुलासा: अभ्यर्थियों के सबूत
22 सितंबर 2024 को आयोजित जेएसएससी सीजीएल परीक्षा के दौरान, सामान्य ज्ञान (पेपर-3) के सवालों के उत्तर रात 10:57 बजे ही लीक हो गए थे। यह खुलासा तब हुआ जब अभ्यर्थियों ने एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) को वीडियो और फोटो सबूत सौंपे। सबूतों में यह दावा किया गया है कि परीक्षा से एक रात पहले ही प्रश्नों के उत्तर मोबाइल फोन के माध्यम से वितरित किए गए थे।
अभ्यर्थियों द्वारा सौंपे गए सबूतों की जांच
- एसआईटी ने इन सबूतों की गहन फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है। सबूतों में पांच मोबाइल फोन, फोटो, और वीडियो शामिल हैं। टीम यह सुनिश्चित कर रही है कि अभ्यर्थियों के दावों की सच्चाई परखी जा सके।
- रातू थाने में दर्ज एफआईआर के आधार पर हजारीबाग निवासी राजेश प्रसाद की शिकायत की भी जांच की जा रही है।
तीन प्रमुख परीक्षा केंद्रों के सबूत
1. बलियापुर केंद्र (गिरिडीह)
गिरिडीह निवासी रामचंद्र मंडल ने एक व्यक्ति को मोबाइल पर बात करते और कागज पर लिखते हुए देखा। उन्होंने उसका फोटो लिया। बाद में पता चला कि यह वही उत्तर थे, जो परीक्षा में पूछे गए।
2. धनबाद (कुमार बीएड कॉलेज)
यहां प्रेमलाल ठाकुर ने एक व्यक्ति को मोबाइल पर बात करते और कागज पर उत्तर लिखते हुए देखा। जब उससे सवाल किया गया, तो उसने कागज फाड़कर फेंक दिया।
3. रातू (मखमंदरों केंद्र)
परीक्षा से पहले यहां एक अभ्यर्थी को उत्तर लिखते हुए देखा गया। तस्वीरें एसआईटी को सौंपी गई हैं।

सीआईडी की अपील और विज्ञापन जारी
सीआईडी ने विज्ञापन जारी कर जनता से सबूत मांगे। उन्होंने मोबाइल नंबर और ईमेल के माध्यम से संपर्क करने का आह्वान किया। इस पहल का उद्देश्य था कि अधिक से अधिक सबूत जुटाए जा सकें।
अभ्यर्थियों को रटवाए गए उत्तर
जांच में सामने आया कि कुछ अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले उत्तर रटवाए गए।
- मुजफ्फरपुर, दिल्ली और काठमांडू में विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
- आसनसोल के एक विवाह भवन में सवाल और जवाब सिखाए गए।
हाईकोर्ट का हस्तक्षेप और रिजल्ट पर रोक
पेपर लीक विवाद के बाद, झारखंड हाईकोर्ट ने परीक्षा के परिणाम पर रोक लगा दी।
- कोर्ट ने स्पष्ट किया कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया जारी रहेगी।
- मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को निर्धारित है।
जेएसएससी का बचाव
जेएसएससी ने हर बार पेपर लीक के आरोपों को नकारा है। उनका दावा है कि परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी थी।
SSC CGL पेपर लीक मामला झारखंड के शिक्षा तंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। सीआईडी की जांच, कोर्ट का हस्तक्षेप, और अभ्यर्थियों द्वारा जुटाए गए सबूत स्पष्ट संकेत देते हैं कि यह मामला गहन जांच और सख्त कार्रवाई की मांग करता है।