Chhattisgarh Police Encounter: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की ताज़ा कार्रवाई ने एक बार फिर राज्य में शांति स्थापित करने के प्रयासों को बल दिया है। गरियाबंद जिले के जंगलों में हुए इस मुठभेड़ में 14 नक्सलियों को मार गिराया गया है, जिनमें से 12 के शव बरामद कर लिए गए हैं। इस कार्रवाई में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भारी गोलीबारी हुई।
गरियाबंद: छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ मुठभेड़ में 14 से अधिक नक्सली मारे गए। मुठभेड़ अभी भी जारी है: छत्तीसगढ़ पुलिस
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 21, 2025
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गरियाबंद जिले की ताज़ा मुठभेड़
गरियाबंद के जंगलों में सुरक्षा बलों ने एक विशेष ऑपरेशन के तहत लगभग 60 नक्सलियों को घेर लिया। इस क्रॉस फायरिंग में एक जवान घायल हुआ, जिसे तुरंत उपचार के लिए कैंप में ले जाया गया।
ऑपरेशन की मुख्य बातें
- तारीख: ऑपरेशन की शुरुआत सोमवार को हुई थी।
- भागीदारी: इसमें लगभग 1,000 जवान शामिल थे।
- परिणाम: अब तक 12 शव बरामद, जबकि ऑपरेशन अभी भी जारी है।
गरियाबंद के पुलिस अधीक्षक ने इस मुठभेड़ की पुष्टि की है और बताया कि सुरक्षा बल इलाके में सर्च ऑपरेशन भी चला रहे हैं।
#WATCH रायपुर (छत्तीसगढ़): गरियाबंद ओडिशा सीमा के पास पुलिस मुठभेड़ पर छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा, "पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जिस प्रकार से घोषणा की है कि 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सल मुक्त करेंगे। उस दिशा में छत्तीसगढ़ में हमारे… pic.twitter.com/drydlrx5jU
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बीजापुर जिले में बड़ी सफलता
हाल ही में बीजापुर जिले में भी सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर एक बड़ी मुठभेड़ में 18 नक्सलियों को मार गिराया। इसमें नक्सल संगठन के केंद्रीय समिति के सदस्य दामोदर भी मारे गए, जिन पर ₹50 लाख का इनाम घोषित था।
बीजापुर मुठभेड़ की खास बातें
- मारे गए नक्सली: 18
- बरामद शव: 12
- महत्वपूर्ण मौत: दामोदर
इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों की कार्रवाई को बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। इससे नक्सलियों के हौसले कमजोर हुए हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति
नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए राज्य सरकार ने कई योजनाएं और अभियान शुरू किए हैं। इनमें प्रमुख हैं:
1. लोन वर्राटू अभियान
इस अभियान के तहत नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने की अपील की जाती है।
2. घर वापसी योजना
जो नक्सली मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, उन्हें इस योजना के तहत आर्थिक और सामाजिक पुनर्वास की सुविधा दी जाती है।
3. रोजगार के अवसर
राज्य सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए रोजगार और कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किए हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री का लक्ष्य
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रहे हैं।
सरकारी प्रयासों का प्रभाव
- नक्सलियों के आत्मसमर्पण में वृद्धि।
- सुरक्षा बलों की कार्रवाई में तेजी।
- जनता में विश्वास बढ़ा।
सुरक्षा बलों की रणनीति
सुरक्षा बलों ने नक्सल प्रभावित इलाकों में अपनी रणनीति को और सख्त किया है। इसमें:
1. इंटेलिजेंस नेटवर्क
सटीक जानकारी और प्लानिंग के आधार पर ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है।
2. आधुनिक हथियार और तकनीक
सुरक्षा बलों को ड्रोन, जीपीएस और सैटेलाइट मॉनिटरिंग जैसी तकनीकों से लैस किया गया है।
3. स्थानीय सहयोग
स्थानीय नागरिकों के सहयोग से नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
नक्सलवाद के खिलाफ जन जागरूकता
नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकार और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा शिक्षा और विकास परियोजनाओं पर जोर दिया जा रहा है। इससे जनता में नक्सलियों के खिलाफ जागरूकता बढ़ रही है।
जनता की भूमिका
- सुरक्षा बलों को जानकारी देना।
- नक्सलवाद के खिलाफ सामूहिक प्रयास।
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई ने शांति और विकास की उम्मीद जगाई है। गरियाबंद और बीजापुर की घटनाएं यह साबित करती हैं कि सरकार और सुरक्षा बल नक्सलवाद के खिलाफ प्रभावी रणनीति अपना रहे हैं। अगर यह गति जारी रही, तो जल्द ही छत्तीसगढ़ नक्सल मुक्त राज्य बन सकता है।