कहते हैं कि जिंदगी के पहिये कब किस मोड़ पर घुम जाएं, कोई नहीं जानता।
एक वक्त था जब बीआर शेट्टी नाम सुनते ही करोड़ों की दौलत, लग्जरी कारें, और अंतरराष्ट्रीय कारोबार की तस्वीर उभरती थी।
लेकिन अचानक से उनकी चमक फीकी पड़ गई। वो मुकाम, जो कभी सपना था, एक झटके में धराशायी हो गया।
भारत के इस मशहूर उद्यमी की कहानी हमें दिखाती है कि कैसे सपनों का साम्राज्य मिनटों में धूल में मिल सकता है।
सफलता की बुलंदियों तक का सफर
बीआर शेट्टी, कर्नाटक के एक छोटे से कस्बे कापू में जन्मे।
सिर्फ कुछ सौ रुपये लेकर 31 साल की उम्र में दुबई पहुंचे।
यहां उन्होंने मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की नौकरी से शुरुआत की।
धीरे-धीरे उन्होंने अपना साम्राज्य खड़ा किया –
- New Medical Centre (NMC Healthcare)
- UAE Exchange
उनकी मेहनत और दूरदर्शिता ने उन्हें 2019 में फोर्ब्स की अमीर भारतीयों की सूची में शामिल कराया।
उनका बिजनेस साम्राज्य करीब 88,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था।
विवाद जिसने सबकुछ बदल दिया
2019 में यूके की कंपनी Muddy Waters ने उनके कारोबार में भारी वित्तीय गड़बड़ी के आरोप लगाए।
इसके बाद शेयर बाजार में उनके स्टॉक्स धड़ाम हो गए।
NMC Healthcare और UAE Exchange की साख पर सवाल उठे, और हालात इतने बिगड़े कि उन्हें अपनी कंपनियां सिर्फ 74 रुपये में विदेशी कंसोर्टियम को बेचनी पड़ीं।
अदालत का बड़ा फैसला
हाल ही में दुबई इंटरनेशनल फाइनेंशियल सेंटर (DIFC) की अदालत ने बीआर शेट्टी को
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को 408 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया।
पहले से ही आर्थिक संकट झेल रहे शेट्टी के लिए यह फैसला एक और बड़ा झटका साबित हुआ।
अदालत ने उनकी दलीलों को खारिज करते हुए बैंक के बकाया भुगतान का निर्देश दिया।
लग्जरी लाइफ से सड़कों की राह तक
कभी बीआर शेट्टी के पास
- लग्जरी कारें 🚗
- निजी जेट ✈️
- बुर्ज खलीफा में फ्लैट
- और आलीशान विला 🏰
था।
आज वे आर्थिक विवादों और कर्ज़ के बोझ में दबे हुए हैं।
उनकी यह कहानी साबित करती है कि सफलता के साथ स्थिरता बनाए रखना सबसे कठिन काम है।
भारतीय उद्यमियों के लिए सबक
बीआर शेट्टी की कहानी हर बिजनेस लीडर के लिए चेतावनी है —
“अगर पारदर्शिता और ईमानदारी नहीं होगी, तो सफलता ज्यादा देर टिक नहीं पाएगी।”
व्यापार की दुनिया में
- वित्तीय अनुशासन,
- जोखिम प्रबंधन,
- और भरोसेमंद ऑडिटिंग
किसी भी साम्राज्य की नींव होती है।
एक गलत कदम या छुपा हुआ राज, करोड़ों की मेहनत को मिनटों में मिटा सकता है।
बीआर शेट्टी का सफर यह साबित करता है कि उठना जितना कठिन है, टिके रहना उससे भी कठिन।
उनकी कहानी हमें याद दिलाती है कि सफलता की ऊंचाई पर भी विनम्रता, पारदर्शिता और सजगता जरूरी है।








