ATM निकासी से लेकर UPI तक, जानें नए बदलाव
नए वित्तीय वर्ष 2025-26 की शुरुआत के साथ ही कई महत्वपूर्ण बैंकिंग और टैक्स नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं। एटीएम निकासी शुल्क, यूपीआई ट्रांजैक्शन, बचत खाता बैलेंस, क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड्स, डीमैट अकाउंट KYC और PAN-Aadhaar लिंकिंग से जुड़े नए नियम लागू होंगे। इन बदलावों का सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा।
एटीएम से पैसे निकालना होगा महंगा
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नए नियमों के अनुसार, अब ग्राहक दूसरे बैंक के एटीएम से महीने में सिर्फ तीन बार ही मुफ्त में पैसे निकाल पाएंगे। इसके बाद हर अतिरिक्त निकासी पर 20 से 25 रुपये तक का शुल्क लगेगा।
बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस अनिवार्य
अगर किसी ग्राहक के बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं होगा, तो बैंक उन पर जुर्माना लगा सकता है। प्रत्येक बैंक की न्यूनतम बैलेंस नीति अलग होगी, इसलिए ग्राहकों को अपने बैंक की शर्तों को ध्यान से समझना होगा।
चेक भुगतान में पॉजिटिव पे सिस्टम (PPS) लागू
अब 50,000 रुपये से अधिक के चेक जारी करने से पहले ग्राहकों को बैंक को इसकी जानकारी देनी होगी। यह कदम चेक धोखाधड़ी को रोकने के लिए उठाया गया है।
डिजिटल बैंकिंग में बढ़ेगा AI का दखल
डिजिटल बैंकिंग को और सुरक्षित बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का अधिक उपयोग किया जाएगा। बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और AI-पावर्ड चैटबॉट्स जैसी सुविधाएं लागू की जाएंगी।
क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड्स में कटौती
SBI और IDFC First Bank सहित कई बैंकों ने क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड पॉइंट्स में कटौती की है। Swiggy और विस्तारा क्लब जैसी सेवाओं पर मिलने वाले रिवॉर्ड भी घटा दिए गए हैं।
निष्क्रिय UPI खाते होंगे बंद
यदि किसी ग्राहक का यूपीआई अकाउंट लंबे समय तक निष्क्रिय रहता है, तो बैंक उसे बंद कर सकता है। इससे यूपीआई ट्रांजैक्शन प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए ग्राहकों को समय-समय पर यूपीआई का उपयोग करना जरूरी होगा।
नए टैक्स नियम होंगे लागू
अब नया टैक्स सिस्टम डिफॉल्ट होगा। यदि कोई ग्राहक पुरानी कर प्रणाली (80C छूट) का लाभ लेना चाहता है, तो उसे इसे अलग से चुनना होगा।
PAN-Aadhaar लिंकिंग जरूरी
अगर PAN और Aadhaar लिंक नहीं हैं, तो डिविडेंड और कैपिटल गेन पर अधिक TDS कटेगा। साथ ही, टैक्स रिफंड में देरी हो सकती है।
डीमैट और म्यूचुअल फंड KYC अनिवार्य
SEBI के नए नियमों के तहत सभी निवेशकों को अपने KYC और नॉमिनी विवरण को अपडेट करना होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो डीमैट अकाउंट को फ्रीज किया जा सकता है।
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले इन नए नियमों का सीधा असर आपकी वित्तीय योजनाओं पर पड़ सकता है। इसलिए पहले से ही इन बदलावों को समझकर अपनी रणनीति तैयार करें।
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