अबुआ आवास योजना: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी योजना अबुआ आवास योजना का शुभारंभ कर दिया है. दावा किया जा रहा है कि इस योजना के जरिए पूरे झारखंड के 8 लाख परिवारों को तीन कमरे वाला पक्का मकान मुहैया कराया जाएगा. साल 2023-24 में योजना के लिए पहली किस्त की राशि भी निर्गत कर दी गई है. इस बीच झारखंड के मुखियाओं ने अबुआ आवास योजना मनमानी और गड़बड़ी का आरोप लगाया है.
ज़मीनी सत्यापन में गड़बड़ी
साहिबगंज के गंगा प्रसाद पूरब के मुखिया संतोष कुमार गोंड ने साहिबगंज के बीडीओ को एक आवेदन लिखा है. इसमें उन्होंने अबुआ आवास योजना में हो रही गड़बडियों की जानकारी दी है.
मुखिया ने अपने आवेदन में कहा कि झारखण्ड सरकार के द्वारा आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम 24 नवंबर से 29 दिसम्बर तक हर पंचायतों में अलग-अलग तारिखों को किया गया था. इसी बीच ग्राम पंचायत- गंगा प्रसाद पूरब में 5 दिसम्बर, 2023 को कार्यक्रम किया गया जिसमें अबूआ आवास योजना संबंधी ग्रामीणों से लगभग 856 आवेदन कैंप में प्राप्त किया गया. कार्यक्रम के पश्चात् जो भी आवेदन अबूआ आवास के लिए प्राप्त किया गया था सभी की प्रविष्टी ऑनलाईन AAY APP के द्वारा कर दिया गया.
AAY APP पर प्रविष्टी के पश्चात् सभी 856 आवेदनों का भौतिक सत्यापन प्रखण्ड द्वारा गठित चार सदस्यों की कमिटि ने किया. कमिटि द्वारा सत्यापन मोबाईल पर OTP के माध्यम से OK किया जा रहा था. परन्तु भौतिक सत्यापन ससमय पूर्ण नहीं हो सका. तत् पश्चात् आनन-फानन में सरकारी कर्मी के द्वारा टेबुल वर्क कर भौतिक सत्यापन को पूर्ण किया गया जिसमें 56 आवेदन में कुछ अनियमितता बाहर आई.
सत्यापन के पश्चात् मुखिया ने प्रखण्ड के पचास से अधिक गाँवों की सूची देख तैयार कर प्रावधानिक सूची जारी की जिसमें उन ग्रामीणों की नामांकन की गई जो ग्राम सभा में सर्वोच्च प्राथमिकता के अधिकारी के रूप में नामित किए जा सकते हैं. इसमें ऐसे ग्रामीण शामिल होंगे जिन्होंने अबूआ आवास योजना के लिए आवेदन किया है और उनका भौतिक सत्यापन पूर्ण होने के बावजूद उनका नाम सूची में नहीं है.
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अबुआ आवास योजना में ग्राम सभा के सर्वोच्च प्राथमिकता देने की मांग
इस प्रकार लोगों की संख्या के आधार पर ग्रामीणों की सूची जारी की गई और इसके बाद ग्रामीणों के बीच नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई. इस प्रक्रिया के दौरान मुखिया द्वारा कुछ ग्रामीणों के नाम सूची में शामिल किए जाने के खिलाफ आपत्ति उठाई गई है.
साहिबगंज के गंगा प्रसाद पूरब के मुखिया संतोष कुमार गोंड ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को एक लिखित आवेदन भी दिया है. इस आवदेन में मुखिया ने अबुआ आवास योजन के लिए ग्राम सभा से पारित सूची को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रतिक्षा सूची तैयार करने का आग्रह किया है.
मुखिया ने इस आपत्ति को गंगा प्रसाद पूरब के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को सौंपी है. इस आपत्ति में मुखिया ने कहा है कि कुछ ग्रामीणों के नाम सूची में शामिल किए जाने के बावजूद उनका भौतिक सत्यापन संपन्न नहीं हुआ है. इससे उन लोगों को आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है जिन्होंने पूरी प्रक्रिया के बावजूद आवेदन किया है.
कई जिलों के पंचायतों के मुखिया ग्राम सभा के अनदेखी से आहत
अबुआ आवास योजना में ग्राम सभा द्वारा तैयार सूची की अदेखी से सिर्फ साहिबंग का एक मुखिया परेशान नहीं है. बल्कि इस तरह की बातें झारखंड के कई जिलों के पंचायतों से आ रही हैं.
गढवा जिले के भवनाथपुर पंचायत की मुखिया बेबी देवी ने कहा कि अबुआ आवास के प्राथमिकता सूची बनाने का अधिकार ग्राम सभा को होना चाहिए, पर यहाँ तो ऊपर से ही प्राथमिकता सूची बना दिया जा रहा है. यह मनमानी है. सबसे जरूरतमंद लाभुक सरकारी आवास के लाभ से वंचित हो जा रहे हैं. ऐसे में ग्राम सभा का कोई औचित्य ही क्या है. उन्होंने कहा कि हम सभी मुखिया को इसका विरोध करने के लिए तैयार हैं. अधिकारियों को लिखित आवेदन देंगे.
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