आरबीआई ने नए साल की शुरुआत में UPI के नियमों में किए गए कई महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है, जिनसे डिजिटल लेन-देन को और भी सुरक्षित और उपयोगकर्ता अनुकूल बनाया जा सकेगा. UPI के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए NPCI ने अनेक उपायों को शुरू किया है, जो इसे और भी आकर्षक बना देंगे.
UPI लेन-देन के लिए डेली भुगतान सीमा को बढ़ाकर अब यह 1 लाख रुपये है, जो उपयोगकर्ताओं को और अधिक लाभ पहुंचाएगा. इसके साथ ही, ऑनलाइन वॉलेटों का उपयोग करने वाले व्यापारों पर 1.1% इंटरचेंज शुल्क भी लागू होगा, जिससे नए बिजनेस मॉडल को बढ़ावा मिलेगा.
UPI की सुरक्षा में नए कदम
NPCI के निर्देशन में, पेमेंट एप्लिकेशन्स और बैंकों को आदेश दिया गया है कि वे उन UPI IDs और नंबर्स को निष्क्रिय करें जो एक वर्ष से अधिक समय से सक्रिय नहीं हैं. यह न केवल सुरक्षा को मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि उपयोगकर्ताओं को भी सांत्वना देगा कि उनकी लेन-देन जरूरत का सही समय पर ध्यान रखा जा रहा है.
इसके अलावा, डिजिटल भुगतानों में धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए एक और उपाय है, जिसमें यूजर्स को किसी अनजान यूजर को पहला भुगतान करते समय एक समय सीमा का अनुपालन करना होगा. अगर कोई यूजर 2,000 रुपये से अधिक का पहला भुगतान करता है, तो उसे चार घंटे की समय सीमा का पालन करना होगा, जिससे उपयोगकर्ता अपनी सुरक्षा को और बढ़ा सकते हैं.
भारत में UPI ATM की शुरुआत
इस बदलते स्कोप में, RBI ने Hitachi के साथ मिलकर भारत भर में UPI ATM की शुरुआत की है. यह एक नया कदम है जो उपयोगकर्ताओं को उनके बैंक अकाउंट से सीधे कैश निकालने का सुविधानुसार है. एक QR कोड स्कैन करने से ही यह संभव होगा, जिससे यात्रा में भी लोगों को आसानी होगी.
इस नए दौर में, UPI ने अगस्त 2023 में 10 बिलियन लेन-देन की मेजबानी की है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के एक अधिकारी के अनुसार, देश में हर महीने 100 अरब यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस लेन-देन की क्षमता है, जो भारतीय वित्तीय बाजार के नए मील के पत्थर को दर्शाता है