UCC in Uttarakhand: शादी और लिव-इन के लिए क्या करना होगा? कितने नियम बदल गए?

UCC in Uttarakhand: शादी और लिव-इन के लिए क्या करना होगा? कितने नियम बदल गए?

UCC in Uttarakhand: उत्तराखंड ने इतिहास रचते हुए समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) को लागू करने का निर्णय लिया है। यह कदम राज्य के सामाजिक ढांचे में एक बड़ा बदलाव लाने के लिए तैयार है। UCC का उद्देश्य सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करना और धर्म, जाति, या लिंग के आधार पर भेदभाव को समाप्त करना है। उत्तराखंड इस कानून को लागू करने वाला देश का पहला ऐसा राज्य होगा जिसने स्वतंत्रता के बाद ऐसा निर्णय लिया। आइए विस्तार से जानते हैं कि इस बदलाव का क्या प्रभाव पड़ेगा, शादी और लिव-इन रिलेशनशिप के लिए क्या नियम होंगे और कितने बदलाव आएंगे।

समान नागरिक संहिता (UCC) क्या है?

समान नागरिक संहिता (UCC) का मतलब है कि राज्य के सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गोद लेना, संपत्ति का बंटवारा और अन्य नागरिक मामलों के लिए एक समान कानून लागू होगा। वर्तमान में, भारत में विभिन्न समुदायों और धर्मों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ हैं, जो धार्मिक मान्यताओं के आधार पर काम करते हैं। UCC इन सभी पर्सनल लॉ को समाप्त करके एक समान प्रणाली की स्थापना करता है।

समान नागरिक संहिता (ucc) क्या है?

UCC लागू होने के मुख्य उद्देश्य

  • समानता और निष्पक्षता: सभी धर्मों के लोगों को समान अधिकार देना।
  • भेदभाव का अंत: धर्म, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करना।
  • कानूनी एकरूपता: नागरिकों के लिए स्पष्ट और समान कानून सुनिश्चित करना।

उत्तराखंड में UCC का प्रभाव

उत्तराखंड में UCC लागू होने से राज्य के नागरिकों के लिए कई नियमों में बदलाव आएंगे। इनमें प्रमुख बदलाव निम्नलिखित हैं:

1. विवाह रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

अब सभी विवाहों को रजिस्टर कराना अनिवार्य होगा। चाहे वह हिंदू विवाह हो, मुस्लिम निकाह हो, या अन्य किसी धर्म का। शादी के लिए यह प्रक्रिया हर नागरिक के लिए एक समान होगी।

  • नया नियम: शादी का पंजीकरण डिजिटल माध्यम से भी किया जा सकेगा।
  • लाभ: इससे बाल विवाह, धोखाधड़ी और बहुविवाह जैसी समस्याओं पर नियंत्रण होगा।

2. लिव-इन रिलेशनशिप पर नियम

लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स को भी अपनी स्थिति का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यह निर्णय ऐसे संबंधों में पारदर्शिता और कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

  • कानूनी अधिकार: पार्टनर्स को संपत्ति और बच्चों की कस्टडी जैसे मामलों में बराबर का अधिकार मिलेगा।
  • समाज पर प्रभाव: लिव-इन रिलेशनशिप को सामाजिक और कानूनी स्वीकृति मिलेगी।

3. तलाक के नियम

तलाक के मामलों में सभी धर्मों के लिए एक समान कानून होगा। अब धर्म के आधार पर अलग-अलग प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता नहीं होगी।

  • समयबद्धता: मामलों का निपटारा तेज़ी से किया जाएगा।
  • महिला सशक्तिकरण: महिलाओं के लिए समान अधिकार सुनिश्चित होंगे।

4. संपत्ति का बंटवारा

संपत्ति के बंटवारे में अब सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलेगा, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति के हों।

  • महिलाओं का हक: बेटियों को भी बराबर का अधिकार मिलेगा, जो कि कई परंपराओं में अभी तक वंचित था।
  • पारिवारिक विवादों में कमी: स्पष्ट नियम होने से विवाद कम होंगे।

UCC लागू करने की प्रक्रिया

उत्तराखंड सरकार ने UCC लागू करने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं।

1. मसौदा समिति का गठन

एक विशेष समिति बनाई गई थी, जिसमें विधि विशेषज्ञ, समाजशास्त्री, और वरिष्ठ अधिवक्ता शामिल थे। इस समिति ने सभी समुदायों के विचारों को ध्यान में रखते हुए UCC का मसौदा तैयार किया।

2. जनसुनवाई और परामर्श

UCC लागू करने से पहले व्यापक जनसुनवाई और परामर्श किया गया। विभिन्न समुदायों और संगठनों से फीडबैक लिया गया।

3. UCC पोर्टल का अनावरण

राज्य सचिवालय में UCC पोर्टल लॉन्च किया गया, जहां नागरिक नए नियमों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।

उत्तराखंड के लिए UCC क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तराखंड जैसे राज्य में, जहां विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोग एक साथ रहते हैं, UCC समाज को एक नई दिशा देने का काम करेगा।

  • सामाजिक समरसता: यह कानून समाज में समानता और न्याय की भावना को बढ़ावा देगा।
  • कानूनी विवादों में कमी: एक समान कानून होने से विवाद कम होंगे।
  • महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा: UCC के तहत महिलाओं और बच्चों के अधिकारों को विशेष रूप से मजबूत किया गया है।

गोवा और उत्तराखंड में अंतर

हालांकि गोवा में UCC पहले से लागू है, लेकिन वहां इसे पुर्तगाली सिविल कोड के तहत लागू किया गया था। उत्तराखंड स्वतंत्र भारत का पहला ऐसा राज्य होगा जो स्वतंत्रता के बाद समान नागरिक संहिता को लागू करेगा।

शादी और लिव-इन के लिए क्या करना होगा?

शादी के लिए नियम

  1. शादी के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
  2. सभी धर्मों के लिए एक समान प्रक्रिया लागू होगी।
  3. विवाह प्रमाणपत्र के बिना सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।

लिव-इन रिलेशनशिप के लिए नियम

  1. दोनों पार्टनर्स को अपनी स्थिति का पंजीकरण कराना होगा।
  2. रजिस्ट्रेशन से संपत्ति और बच्चों के अधिकार सुनिश्चित होंगे।
  3. बिना रजिस्ट्रेशन के लिव-इन कपल्स को कानूनी संरक्षण नहीं मिलेगा।

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होना एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल राज्य के विकास को गति देगा, बल्कि एक समरस और न्यायपूर्ण समाज की स्थापना भी करेगा। शादी और लिव-इन रिलेशनशिप जैसे मामलों में स्पष्टता और समानता सुनिश्चित करना इस कानून का मुख्य उद्देश्य है।

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क्या UCC अन्य राज्यों में भी लागू होगा?

फिलहाल, UCC केवल उत्तराखंड में लागू किया गया है। अन्य राज्यों में इसे लागू करने का निर्णय केंद्र सरकार पर निर्भर करेगा।

क्या शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है?

हां, शादी का रजिस्ट्रेशन सभी धर्मों और समुदायों के लिए अनिवार्य होगा।

लिव-इन रिलेशनशिप में क्या बदलाव होंगे?

लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स को अपनी स्थिति का रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जिससे उन्हें कानूनी अधिकार और संरक्षण मिलेगा।

Subhash Shekhar

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