Ranchi: झारखंड की राजनीति में नई घटनाओं का सिलसिला जारी है. विश्वासमत पर वोटिंग के पूर्व हेमंत सोरेन सरकार को सपोर्ट करने वाले दो विधायकों ने चंपाई सोरेन की सरकार को समर्थन देने से इंकार कर दिया गया है. दो विधायकों ने अपने मत को राज्यहित में देखते हुए इस सरकार का समर्थन नहीं किया.
सरयू राय और अमित यादव का इनकार
विश्वासमत पर वोटिंग के पूर्व, सरयू राय और हजारीबाग जिले के बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र अमित कुमार यादव ने सरकार को समर्थन न देने का ऐलान किया. उन्होंने अपने मत को राज्यहित में रखते हुए चंपाई सोरेन को बहुमत हासिल करने की चुनौती दी है.
हालांकि, चंपाई सोरेन की गिरफ्तारी के बाद नई सरकार का गठन हो रहा है. इसमें वह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ-साथ दो मंत्रियों ने भी शपथ ली है.
जमशेदपुर (पूर्वी) विधानसभा क्षेत्र के विधायक सरयू राय ने झारखंड विधानसभा में विश्वासमत पर तटस्थ रुख अपनाया है. उन्होंने कहा है कि वे मतदान नहीं करेंगे, जबकि अमित कुमार यादव ने अपना मत राज्यहित में देने की घोषणा की है.
विश्वासमत पर वोटिंग के दौरान सरकार को समर्थन न देने के बावजूद, इन विधायकों की इस चुनौती से सरकार की नापसंदीदगी बढ़ सकती है.
चंपई सोरेन को सलाह
सरयू राय ने चंपाई सोरेन को भी सलाह दी है कि वह अपनी अलग लकीर खींचें. उन्होंने कहा कि सोरेन को अब विकास के मामले में नई दिशा देनी चाहिए.
नई सरकार का गठन: झारखंड की राजनीति में उलझने के बावजूद, नई सरकार का गठन होने जा रहा है. चंपाई सोरेन के नेतृत्व में यह सरकार विश्वासमत हासिल करने की कोशिश करेगी.
नई सरकार के चुनौतीपूर्ण कार्य: विश्वासमत पर वोटिंग के पूर्व, चंपाई सोरेन की सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना होगा. उन्हें विपक्ष के समर्थन और राजनीतिक स्थिरता को बनाए रखने के लिए प्रयासरत रहना होगा.
झारखंड की राजनीति में नई चुनौतियों की घड़ी है. चंपाई सोरेन की सरकार को विश्वासमत हासिल करने के लिए उन्हें अपनी दक्षता और नेतृत्व का प्रदर्शन करना होगा.