धनबाद में बमबाजी और फायरिंग से तनाव, रैयतों और कंपनी समर्थकों में हिंसा

धनबाद में बमबाजी और फायरिंग से तनाव, रैयतों और कंपनी समर्थकों में हिंसा

धनबाद के मधुबन थाना क्षेत्र में स्थित हिलटॉप आउटसोर्सिंग कंपनी परिसर में गुरुवार को बमबाजी और फायरिंग की घटनाओं ने इलाके में दहशत फैला दी। रैयतों और कंपनी समर्थकों के बीच हुए इस संघर्ष में दर्जनों राउंड गोलियां चलीं और बम फेंके गए। घटना के बाद से इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है, जबकि पुलिस और प्रशासन स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रहे हैं।

रैयतों का प्रदर्शन बना हिंसा का कारण

हिलटॉप आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा काम शुरू करने के विरोध में रैयतों ने गुरुवार सुबह प्रदर्शन किया। बुधवार को गिरिडीह सांसद ने कंपनी को चेतावनी दी थी कि काम शुरू न करें, लेकिन कंपनी प्रबंधन ने अगले ही दिन काम शुरू कर दिया। इसके बाद रैयतों और कंपनी समर्थकों के बीच विवाद बढ़ गया और हिंसा में तब्दील हो गया।

रैयतों का आरोप है कि कंपनी ने मुआवजा, पुनर्वास और रोजगार देने के अपने वादे पूरे नहीं किए हैं। प्रदर्शन के दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमला किया, जिसमें फायरिंग और बमबाजी की घटनाएं हुईं।

प्रशासन की अपील और मौजूदा स्थिति

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। इलाके में तनाव को देखते हुए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। प्रशासन ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

स्थानीय निवासियों के बीच इस घटना को लेकर भय का माहौल है। लोग घरों से बाहर निकलने में झिझक रहे हैं। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और घटना से जुड़े सभी पहलुओं को खंगाला जा रहा है।

बातचीत के प्रयास और असफलताएं

बुधवार को सांसद और कंपनी प्रबंधन के बीच वार्ता हुई थी, लेकिन समाधान नहीं निकल सका। रैयतों ने अपनी मांगें दोहराईं और उचित मुआवजे के बिना काम शुरू करने पर कड़ा विरोध जताया।

दूसरी ओर, कंपनी समर्थकों का कहना है कि प्रोजेक्ट में देरी से इलाके के विकास पर असर पड़ रहा है। उनका मानना है कि काम जारी रहना चाहिए।

दहशत के साये में इलाका

घटना के बाद से मधुबन थाना क्षेत्र में दहशत का माहौल है। हिंसक झड़पों के कारण स्थानीय लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पुलिस की पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है और प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है कि शांति कायम हो।

यह घटना क्षेत्र में लंबे समय से चल रहे भूमि विवाद और रोजगार के मुद्दों को उजागर करती है। अब देखना होगा कि प्रशासन और प्रबंधन मिलकर कैसे इस स्थिति को नियंत्रित करते हैं और रैयतों की मांगों का समाधान निकालते हैं।

Subhash Shekhar

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