Ranchi: एक 13 वर्षीय लड़की जो शारीरिक असंतुलन की शिकार थी और ठीक से चल भी नहीं पा रही थी, वह पिछले 5-6 दिनों से काफ़ी असहज महसूस कर रही थी और अपने दोनों आँखों से देखने में परेशान थी. वह इतनी लाचार हो चुकी थी की दो लोगों के सहारे भी खड़ी नहीं हो पा रही थी.
अपातकालीन उपचार और उम्मीद
युवती के परिजनों ने उसे असंतुलित अवस्था में राँची के पारस एचईसी अस्पताल में भर्ती कराया था. मरीज़ की स्थिति को देखते हुए अस्पताल में उसे न्यूरोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया. पारस एचईसी अस्पताल के डॉ. संजीव कुमार शर्मा (सलाहकार न्यूरोलॉजी) ने आपातकालीन स्थिति में मरीज को देखा और उपचार की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी.
इलाज की प्रक्रिया
मरीज़ की जाँच करने के बाद डॉ संजीव कुमार शर्मा ने बिकरस्टाफ एन्सेफलाइटिस डायग्नोस किया, जो काफ़ी रेयर बीमारी है. पारस एचईसी अस्पताल में बिकरस्टाफ के आधार पर मरीज़ को 15 दिनों तक उपचार मिला. जिसके बाद मरीज में काफी सुधार हुआ और अब वह सामान्य जीवन जी रही है.
बिकरस्टाफ एन्सेफलाइटिस: बीमारी का वर्णन और इलाज
डॉक्टर संजीव ने बताया की बिकरस्टाफ एन्सेफलाइटिस बीमारी का मूल सिम्टम आंखो को न घुमा पाना, पूरे शरीर का असंतूलित होना और ठीक से बात ना कर पाना होता हैं. यह एक रेयर बीमारी है जो केवल कुछ लोगों में होती है. इसका इलाज़ अग्रिम चिकित्सा तकनीकों के उपयोग से होता है जिसमें रेडियोलॉजी, इम्यूनोथेरेपी, और दवाओं का सहारा लिया जाता है.
पारस एचईसी अस्पताल के फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ नीतेश कुमार ने बताया की मरीज़ काफ़ी लाचार स्थिति में अस्पताल आई थी और उसका सफल इलाज़ हुआ. रांची पारस एचईसी अस्पताल रेयर बीमारियों का भी इलाज़ करने में सक्षम है. हमारे अस्पताल में अनुभवी चिकित्सक, सजग टीम, और मॉडर्न उपकरण हैं जिसके कारण हम बीमारियों का सटीक विश्लेषण और उनका सफल इलाज़ करने में सक्षम हैं.
पारस अस्पताल ने इस मामले में बेहतर उपचार प्रदान किया है और रोगी को स्वस्थ जीवन की दिशा में मदद की है.