केबीसी 17 करोड़पति आदित्य कुमार ने हाल ही में टीवी के लोकप्रिय शो कौन बनेगा करोड़पति सीज़न 17 में इतिहास रचते हुए ₹1 करोड़ की धनराशि जीती। लेकिन आदित्य के लिए यह जीत सिर्फ़ पैसों की नहीं थी, बल्कि महानायक अमिताभ बच्चन से मिली प्रशंसा उनके लिए सबसे बड़ा सम्मान साबित हुई। उन्होंने अपनी सफलता, संघर्ष और उस भावुक सफर को साझा किया जिसने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया।
अमिताभ बच्चन से पहली मुलाक़ात का अनुभव
आदित्य कुमार ने बताया कि बिग बी से पहली बार बात करना उनके जीवन का अविस्मरणीय पल था। उनका कहना है कि वे मंच पर पहुँचकर घबराने वाले थे, लेकिन अमिताभ बच्चन की गर्मजोशी और आत्मीयता ने उन्हें सहज बना दिया। आदित्य कहते हैं—“मुझे ऐसा लगा जैसे मैं उनसे बरसों से परिचित हूँ। उनका आभामंडल सचमुच असाधारण है।”
अनुशासन और आत्मविश्वास बना जीत की कुंजी
अपने सफर के बारे में आदित्य ने बताया कि अनुशासन और धैर्य उनकी सबसे बड़ी ताक़त रही। उन्होंने कहा कि शो में सबसे ज़रूरी है दबाव में शांत रहना और हर प्रश्न का उत्तर ज्ञान के आधार पर देना। आदित्य मानते हैं कि केबीसी ने यह साबित किया है कि सच्चा ज्ञान और सही अक़्लमंदी किसी की ज़िंदगी बदल सकती है।

सबसे कठिन था ₹1 करोड़ का सवाल
आदित्य के अनुसार खेल का सबसे मुश्किल पल ₹1 करोड़ का प्रश्न था। हालांकि उन्हें उत्तर का भरोसा था, लेकिन इतनी बड़ी धनराशि का दबाव बहुत भारी था। उन्होंने कहा—“उस समय मैंने ठहरकर गहरी सांस ली और खुद पर विश्वास किया। वही आत्मविश्वास मेरी जीत की असली वजह बना।”
बिग बी की विनम्रता ने जीता दिल
जब आदित्य से पूछा गया कि वे अमिताभ बच्चन को ग्लैमर से परे कैसे देखते हैं, तो उन्होंने कहा कि सबसे ज़्यादा प्रभावित करने वाली बात उनकी विनम्रता थी। बिग बी ने न केवल उनसे उनकी निजी जिंदगी पर बातचीत की, बल्कि कठिन समय में उनका हौसला भी बढ़ाया। आदित्य कहते हैं कि उनकी यह तारीफ़ उनके लिए करोड़ों रुपयों से भी बड़ी उपलब्धि है।
जीत के पल की भावनाएँ
जब स्क्रीन पर ₹1 करोड़ फ्लैश हुआ, तो आदित्य भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पैसों की जीत नहीं थी, बल्कि यह इस बात का सबूत था कि अनुशासन, धैर्य और आत्मविश्वास आपको असंभव से संभव तक पहुँचा सकते हैं। उनके अनुसार, ₹1 करोड़ एक पड़ाव है जबकि असली लक्ष्य ₹7 करोड़ की धनराशि है।
जीत को परिवार और साथियों के नाम
अपनी जीत के बाद आदित्य ने कहा कि उनका पहला काम होगा इस खुशी को अपने परिवार और गुजरात के यूटीपीएस उकाई स्थित यूनिट के साथ बाँटना। आदित्य मानते हैं कि यह जीत केवल उनकी नहीं, बल्कि उनके परिवार और साथियों की भी है जिन्होंने हर समय उनका साथ दिया।