Ranchi: मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में स्थित झारखंड राज्य खेल प्रोत्साहन सोसायटी (JSSPS) के गर्ल्स हॉस्टल में हुई एक दुखद घटना ने सभी को हिला कर रख दिया है. ताइक्वांडो की एक बालिका प्रशिक्षु, कल्पना, ने मंगलवार की रात आत्महत्या कर ली. इस घटना की पूरी जानकारी के लिए तह तक पहुंचना बहुत चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है, क्योंकि JSSPS के अधिकारी सूचना देने से कन्नी काट रहे हैं.
हंसडीहा की इस खिलाड़ी ने हॉस्टल के कमरे में पंखे से फंदा डालकर अपने जीवन का अंत कर लिया.
हॉस्टल के बाहर पुलिस की तैनाती और मीडिया कर्मियों से बदसलूकी
गर्ल्स हॉस्टल के बाहर पुलिस बल की तैनाती हो गई है, लेकिन सुरक्षा प्रहरियों ने मीडिया कर्मियों के साथ बदतमीजी की है. इसके अलावा, सभी कैडेट्स के फोन बंद कराए गए हैं, जिससे उन्हें को घटित घटना की जानकारी देने से दूर रखा जा रहा है.
अधिकारियों की चुप्पी: क्या छुपा रहा है JSSPS?
कैडेट के संदर्भ में जानकारी का अभाव होने के बावजूद, JSSPS के उच्च पदस्थ अधिकारी बातचीत से बच रहे हैं. ज्यादातर अधिकारी होटल BNR चाणक्य में एक कार्यक्रम में शामिल थे, जिसमें JSSPS की कैडेट बॉक्सर अमीषा केरकेट्टा भी शामिल थीं, और इसी समय यह दुखद घटना हुई.
मृतका के परिवार की पुनर्मुलाकात का इंतजार
मृतका के शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा गया है, और परिजन सुबह-सीधे अस्पताल पहुंचेंगे. इस दुखद मौके पर परिवार के साथीयों के लिए समर्थन की जरूरत है, जिन्हें अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं मिला है.
एक साल पहले हुई थी एक और मौत: क्या सीएसएल सीखा?
क्या आप अंजली उरांव को याद करते हैं? बीते वर्ष, JSSPS की कैडेट अंजली उरांव की मौत की खबर सुनी गई थी. इसके बाद CCL ने उसकी मौत के बाद 6.4 लाख रुपए मुआवजा दिया था.
CCL की अकर्मण्यता का दौर: कितनी बार?
CCL एक बार फिर से अपने अधिकारियों की अकर्मण्यता के चलते एक कैडेट को खो रहा है. इस बार यह जानना है कि कैडेट की जान कितनी कीमत पर चली गई है और CCL क्या कदम उठा रहा है.
झारखंड की अन्यता: कमीशनखोर कर्महीन
झारखंड राज्य खेल प्रोत्साहन सोसाइटी (JSSPS) की कैडेट अंजली उरांव की दुखद मौत के बाद एक और मौत सामने आ रहा है, फिर भी यहां के अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं.
इस दुखद घटना ने फिर एक बार हमें यह याद दिलाया है कि स्पोर्ट्स के क्षेत्र में अच्छे प्रबंधन और खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर हमें और सकारात्मक कदम उठाने की जरूरत है.