चक्रवात ‘मोन्था’ से तटीय राज्यों में अलर्ट — NDRF की 25 टीमें मैदान में

चक्रवात ‘मोन्था’ से तटीय राज्यों में अलर्ट — NDRF की 25 टीमें मैदान में

भुवनेश्वर/विजयवाड़ा/काकीनाडा/पुरी: बंगाल की खाड़ी के मध्य में बन रहे चक्रवात ‘मोन्था’ ने तटीय राज्यों की नींद उड़ा दी है। संभावित तबाही को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी के तटीय इलाकों में अपनी 25 विशेष टीमें पहले से तैनात कर दी हैं। साथ ही 20 अतिरिक्त टीमों को स्टैंडबाय मोड पर रखा गया है, ताकि हालात बिगड़ने पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।

प्रत्येक टीम को निकासी, राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए पूरी तरह तैयार रखा गया है। नावें, संचार उपकरण, बचाव सामग्री और काटने के यंत्र जैसे अत्याधुनिक संसाधनों से लैस इन टीमों को आपात स्थिति में तुरंत मोर्चा संभालने के निर्देश दिए गए हैं।

ओडिशा ने की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक

भुवनेश्वर से मिली जानकारी के अनुसार, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने चक्रवात की स्थिति को देखते हुए राज्य की तैयारियों की व्यापक समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने और राहत सामग्री पहले से तैयार रखने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बताया कि तटीय क्षेत्रों में संभावित खतरे को देखते हुए स्कूलों और सामुदायिक भवनों को अस्थायी शेल्टर होम के रूप में तैयार किया जा रहा है। एनडीआरएफ और ओडिशा डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (ODRF) की संयुक्त टीमें तटीय इलाकों में सक्रिय की गई हैं।

आंध्र प्रदेश में समीक्षा बैठक, कलेक्टर ने दिए निर्देश

विजयवाड़ा से जानकारी मिली है कि एनटीआर जिला कलेक्टर डॉ. जी. लक्ष्मीषा ने सभी विभागों के अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। उन्होंने कहा कि चक्रवात ‘मोन्था’ के कारण भारी बारिश और तेज़ हवाएं चलने की आशंका है।
कलेक्टर ने कहा कि तटीय गांवों में रहने वाले लोगों की पहचान कर सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। साथ ही, मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है। बिजली, जल आपूर्ति और सड़क संपर्क को दुरुस्त रखने के लिए सभी विभागों को 24 घंटे के कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है।

पुरी और काकीनाडा में तटीय सुरक्षा कड़ी

पुरी में प्रशासन ने पर्यटकों से समुद्र तट से दूर रहने की अपील की है। लाइफगार्ड और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने समुद्र किनारे सुरक्षा घेरा बना दिया है। किसी भी स्थिति में समुद्र के अंदर जाने या नहाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
वहीं काकीनाडा (आंध्र प्रदेश) में चक्रवात के शुरुआती असर दिखने लगे हैं। शहर में तेज़ बारिश और तूफानी हवाएं चल रही हैं। एनडीआरएफ टीमें प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर रही हैं और लोगों को सतर्क रहने की घोषणाएं कर रही हैं।

संभावित प्रभाव और प्रशासन की तैयारी

मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात ‘मोन्था’ अगले 48 घंटों में तट से टकरा सकता है। इसके चलते भारी बारिश, समुद्र में ऊंची लहरें और तेज़ हवाएं चलने की संभावना है।
केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी राज्यों को 24×7 मॉनिटरिंग व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। स्थानीय प्रशासन को राहत शिविर, दवा और भोजन सामग्री पहले से भंडारित करने के आदेश दिए गए हैं।

चक्रवात ‘मोन्था’ के बढ़ते खतरे के बीच सभी तटीय राज्य पूर्ण सतर्कता मोड में हैं। एनडीआरएफ की तैनाती और राज्य सरकारों की तैयारी इस बात का संकेत है कि प्रशासन इस बार किसी भी लापरवाही की गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहता।
जनता से अपील की गई है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

Subhash Shekhar

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