बिहार चुनाव 2025: पटना में EC की अंतिम समीक्षा, तारीखें जल्द

बिहार चुनाव 2025: पटना में EC की अंतिम समीक्षा, तारीखें जल्द

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल गरमा चुका है और अब उलटी गिनती शुरू हो गई है। राज्य की 243 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि चुनाव आयोग की पटना यात्रा के बाद कभी भी चुनाव कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा हो सकती है।

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त विवेक जोशी और एस.एस. संधू 4 और 5 अक्टूबर को दो दिवसीय दौरे पर पटना में मौजूद हैं। इस दौरान आयोग की टीम चुनावी तैयारियों की बारीकी से समीक्षा कर रही है। सूत्रों के अनुसार, अक्टूबर के अंतिम सप्ताह या नवंबर की शुरुआत में कई चरणों में मतदान कराए जाने की संभावना है।

दलों और अधिकारियों संग अहम बैठक

चुनाव आयोग की टीम इस दौरे में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर रही है। उनकी शिकायतें, सुझाव और चुनावी चिंताओं पर चर्चा की जा रही है। साथ ही, राज्य के शीर्ष प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से सुरक्षा और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के उपायों पर भी विचार हो रहा है।

इस समीक्षा में मतदाता सूची, बूथ प्रबंधन, सुरक्षा बलों की तैनाती और आदर्श आचार संहिता के पालन को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आयोग चाहता है कि मतदान पूरी तरह पारदर्शी और शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो।

तीन दलों को निमंत्रण नहीं

पटना के होटल ताज में आयोजित होने वाली इस उच्चस्तरीय बैठक में बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस जैसे बड़े दलों को आमंत्रित किया गया है। हालांकि, तीन क्षेत्रीय दलों को इसमें शामिल नहीं किया गया है। इनमें मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP), उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति मंच (RLM) और जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) शामिल हैं।

इन दलों को बैठक से बाहर रखने के फैसले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। विपक्षी नेता इसे आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाने का आधार बना सकते हैं।

मतदाता सूची बनी बड़ा मुद्दा

हाल ही में बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया पूरी की गई है और 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची जारी की गई। इस सूची में करीब 7.42 करोड़ मतदाता शामिल हैं। यह प्रक्रिया लगभग 20 साल बाद की गई है।

विपक्ष का आरोप है कि लाखों लोगों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं, जिससे उनका मतदान अधिकार छिन गया है। वहीं, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि उसका लक्ष्य केवल यही है कि कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं और कोई अपात्र व्यक्ति सूची में न रहे।

सुरक्षा और पारदर्शिता पर फोकस

बिहार जैसे बड़े और संवेदनशील राज्य में सुरक्षा चुनाव आयोग की पहली प्राथमिकता है। आयोग पहले ही सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर चुका है और उन्हें आवश्यक दिशानिर्देश दिए गए हैं।

आयोग चाहता है कि मतदाता बिना किसी डर के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। इसके लिए बूथों पर सुरक्षा बलों की पर्याप्त तैनाती की जाएगी और किसी भी गड़बड़ी की सख्ती से रोकथाम की जाएगी।

निष्कर्ष

बिहार चुनाव 2025 का बिगुल अब बस बजने ही वाला है। आयोग की पटना समीक्षा और राजनीतिक दलों से मुलाकात के बाद जल्द ही तारीखों की घोषणा होने की उम्मीद है। अब सभी की निगाहें चुनाव आयोग की अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हुई हैं।

Subhash Shekhar

Join WhatsApp

Join Now

Latest Stories

Leave a Comment