AI सेफ्टी की जागरूकता: रांची में CyberPeace Foundation का खास प्री-समिट इवेंट

CyberPeace Foundation AI Safety Pre-Summit in Ranchi

Ranchi: CyberPeace Foundation ने शनिवार को राजधानी रांची में AI Safety for Change-Makers नामक विशेष प्री-समिट कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम डिजिटल क्रिएटर्स, इन्फ्लुएंसर्स और डिजिटल लीडर्स के लिए आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य AI और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में बढ़ते जोखिमों के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। यह कार्यक्रम शाम 5 बजे लेवल 7, रांची में आयोजित किया गया और यह आगामी AI Impact Summit 2026 से पहले एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।

इस कार्यक्रम में CyberPeace Foundation के मैनेजिंग डायरेक्टर विनीत कुमार, शिवांगी रॉय और पूरी CyberPeace टीम मौजूद रही। टीम ने तेज़ी से बदलती डिजिटल दुनिया में सुरक्षित और जिम्मेदार ऑनलाइन उपस्थिति रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इन्फ्लुएंसर्स को बताया साइबर खतरों का वास्तविक स्वरूप

पहले सेशन में CyberPeace की सीनियर ट्रेनर अनिंदिता मिश्रा ने इंटरनेट पर इन्फ्लुएंसर्स की भूमिका, ऑनलाइन जोखिम और डिजिटल खतरों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सोशल इंजीनियरिंग, फिशिंग, पासवर्ड सुरक्षा, सोशल मीडिया सेफ्टी और सुरक्षित ऑनलाइन एंगेजमेंट जैसे महत्वपूर्ण विषयों को सरल भाषा में समझाया।
उन्होंने बताया कि कैसे फेक ब्रांड कोलैबोरेशन, फ्रॉड लिंक और ऑनलाइन स्कैम्स इन्फ्लुएंसर्स को निशाना बनाते हैं। साथ ही उन्होंने भारत के प्रमुख साइबर हेल्पलाइन जैसे — 1930 साइबर फ्रॉड हेल्पलाइन, राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल और अन्य रिपोर्टिंग मैकेनिज़्म की जानकारी भी दी।

PTI फैक्ट चेक यूनिट ने बताए डीपफेक के बढ़ते खतरे

दूसरे सेशन का नेतृत्व PTI के गौरव लालित ने किया। उन्होंने PTI फैक्ट चेक यूनिट की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आज डीपफेक वीडियो, AI-जनित तस्वीरें और डिजिटल मैनिपुलेशन किस तरह समाज में भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने लाइव उदाहरणों के माध्यम से दिखाया कि डीपफेक किस तरह लोगों की राय और सार्वजनिक धारणा को प्रभावित कर सकते हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि पत्रकारों, इन्फ्लुएंसर्स और कंटेंट क्रिएटर्स को फैक्ट-वेरिफिकेशन को अत्यंत गंभीरता से लेना चाहिए।
गौरव ने बताया कि जैसे-जैसे AI विकसित हो रहा है, मीडिया उद्योग में फैक्ट-चेकिंग की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।

ज़िम्मेदार डिजिटल भविष्य की दिशा में एक मजबूत कदम

लेवल 7 द्वारा समर्थित यह कार्यक्रम केवल जागरूकता मंच ही नहीं था बल्कि एक व्यावहारिक सीखने का अवसर भी बना।
इस इवेंट का मुख्य उद्देश्य उन लोगों को सशक्त करना था जो समाज पर प्रभाव डालते हैं—जैसे इन्फ्लुएंसर्स और डिजिटल लीडर्स।
उन्हें डिजिटल सुरक्षा, AI के जिम्मेदार उपयोग, फैक्ट-चेकिंग, डीपफेक से बचाव और गलत जानकारी से निपटने जैसे कौशलों से लैस करना इसका प्रमुख लक्ष्य रहा।

यह कार्यक्रम इस बात पर केंद्रित था कि डिजिटल युग में जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। साइबर सुरक्षा, गलत सूचना से लड़ाई और जिम्मेदार डिजिटल प्रथाओं को अपनाकर ही आने वाले समय में एक सुरक्षित और विश्वसनीय डिजिटल वातावरण का निर्माण किया जा सकता है।

CyberPeace Foundation का यह पहल डिजिटल क्रिएटर्स को सुरक्षा के साथ बदलाव लाने की दिशा में प्रेरित करता है और उन्हें जिम्मेदार ‘वॉइस ऑफ चेंज’ बनने की राह दिखाता है।

Subhash Shekhar

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