Giridih (Jharkhand): जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान पार्श्वनाथ की पवित्र धरा सम्मेद शिखर में जैन मुनि आचार्य प्रसन्न सागर ने शनिवार को 557 दिनों का महापारणा-मौन व्रत तोड़ा. सम्मेद शिखर-पारसनाथ पर्वत की सर्वोच्च चोटी पर स्थित गुफा से निकलने के बाद मुनिश्री की भव्य पालकी यात्रा नीचे मधुबन पहुंची.
मुनिश्री ने ‘नमः ऊँ श्री’ वचन बोलकर मौन व्रत तोड़ा. उन्होंने संक्षिप्त संदेश में कहा कि आत्मा अमर है, जिससे डरने की जरूरत नहीं.
बाबा रामदेव ने मुनि प्रसन्न सागर का आशीर्वाद लिया
योग गुरु स्वामी रामदेव सम्मेद शिखर मधुबन में आयोजित महापारना महाप्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने पहुंचे. जैन समाज के लोगों ने रामदेव का जोरदार स्वागत किया. इसके बाद वो मंच पर गए और मुनि प्रसन्न सागर का आशीर्वाद लिया.
सम्मेद शिखर मधुबन में आयोजित महापारना महाप्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु पारसनाथ पहुंचे. कार्यक्रम को लेकर जैन समाज के भक्तों में भारी उत्साह था. मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मुंबई समेत अन्य राज्यों से आए जैन समाज के लोगों ने अपने-अपने तरीके से जैन मुनि का स्वागत किया.

आठ दिवसीय महापारणा महाप्रतिष्ठा महोत्सव के पहले दिन शनिवार को प्रसन्न सागर की पालकी यात्रा पारसनाथ पर्वत से नीचे उतकर सीधे आयोजन स्थल पहुंची, जहां 70 हजार से भी अधिक भक्तों के बैठने की खास व्यवस्था की गई थी. एक लाख वर्गफीट में बने भव्य पंडाल की सजावट भव्य तरीके से की गई थी.
पंडाल में जैन मुनि पीयूष सागर समेत दिगंबर जैन समाज के 15 से अधिक जैन मुनि मंचासीन थे. इस दौरान जैन समाज के पदधारी ऋषभ जैन और संजय जैन ने मंच संचालन किया.