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Ranchi: ओरमांझी सिर कटी युवती लाश मामले में बरियातू की महिला का दावा गलत निकला है. उसकी बेटी घर वापस लौट आई है. वह छह महिने से अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ घर से गायब थी. ओरमांझी के हादसे के बाद बरियातू के चेशायर होम निवासी एक महिला ने शिनाख्त किया था. दावा किया था कि लाश उसकी बेटी की है. इस दावे के बाद रांची की पुलिस सत्यापन के लिए डीएनए टेस्ट कराने की तैयारी कर रही थी.
पुलिस के लिए पहेली
इस वाकये के बाद पुलिस की जांच फिर वहीं आकर अटकी है कि ओरमांझी से बरामद सिर कटी युवती की लाश किसकी है. पुलिस ने इसकी पहचान करने के लिए शुरू में 25 हजार रुपये रखा था. दूसरे दिन इनाम की राशि दोगुनी कर 50 हजार रूपये कर दी गई. पुलिस के लिए अभी भी यह पहेली है कि युवती की लाश किसकी है. अपराधियों के बारे में भी कोई सुराग नहीं मिला है.
बरियातू की महिला ने कहा था कि ओरमांझी में मिली युवती की सिरकटी लाश उसकी बेटी की हो सकती है. रांची पुलिस चेशायर होम निवासी उस महिला और ओरमांझी में मिली सिरकटी लाश का डीएनए टेस्ट कराने की तैयारी कर रही थी. बुधवार को इसे लेकर पुलिस कोर्ट में कागजी प्रक्रिया पूरी करने में जुटी थी, इसी बीच शाम में लापता युवती घर लौट आयी.
महिला ने डेडबॉडी के निशान देखकर किया था दावा
बता दें कि चेशायर होम रोड निवासी एक महिला ने अपनी पुत्री की गुमशुदगी की रिपोर्ट लगभग छह माह पहले दर्ज करायी थी. कल उस महिला ने रिम्स में युवती की सिरकटी लाश देखने के बाद कहा था कि यह शव उसकी लापता बेटी का ही लग रहा है. उसने रिम्स में युवती की डेड बॉडी देखने के बाद कहा था उसकी बेटी के पांव में भी तिल के इसी तरह के निशान हैं.
महिला ने बेटी से फोन पर लगातार बात करनेवाले एक युवक का नाम लेकर गुमशुदगी और हत्या में उसका हाथ होने की आशंका व्यक्त की थी. महिला की सूचना के आधार पर आज पुलिस ने जब उस युवती के ब्वॉयफ्रेंड को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की तो उसने जानकारी दी कि उसकी दोस्त जीवित है और रांची के ही पिस्कामोड़ में रह रही है. इसके बाद पुलिस ने युवती को बरामद कर लिया.
मामले को लेकर सियासत गर्म
इस पूरे मामले को लेकर झारखंड की सियासत गर्म है. विपक्ष झामुमो नेतृत्व वाली हेमंत सोरेन की सरकार को घेरने में लगा हुआ है. 4 जनवरी की शाम को इसी मामले को लेकर आक्रोशित लोगों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले को घेर कर हंगामा किया था. वहां से सुरक्षाकर्मियों ने मुख्यमंत्री को दूसरे वैकल्पिक रास्ते से आवास तक पहुंचाया था.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले को रोके जाने की कोशिश के मामले में कुछ छोटे- बड़े अफसरों पर कार्रवाई संभव है. इस कड़ी में रांची के उपायुक्त और एसएसपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.