एमबीबीएस करने के इच्छुक छात्रों की दुविधा को दूर करने के लिए संभव है कि अगले साल से एम्स की काउंसलिंग नीट काउंसलिंग के साथ ही की जाए. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अध्यक्षता में हाल ही में हुई सभी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स) के केंद्रीय निकाय की बैठक में इस बारे में सहमति बनी है. हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय अभी नहीं लिया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, संस्थान के केंद्रीय निकाय की बैठक के दौरान मुद्दा उठा कि नए बने एम्स में प्रवेश लेने के बाद कुछ छात्र नीट में बेहतर कॉलेज मिलने पर एम्स को छोड़ दे रहे हैं. इससे सीटें खाली रह जा रही है. इस समस्या को दूर करने के लिए तय किया गया कि एम्स की काउंसलिंग नीट की काउंसलिंग के साथ ही कराया जाए. जिससे एम्स में वही छात्र-छात्राएं प्रवेश लें जिनके लिए एम्स ही पहली पसंद हैं. हालांकि, इस बारे में अंतिम फैसला अन्य पेचदगियों पर विचार करने के बाद ही लिया जाएगा.
सभी एम्स में एकरूपता के लिए नई बॉडी
देश के सभी एम्स के स्वरूप में एकरूपता रखने के लिए संस्थान के केंद्रीय निकाय ने एक नया निकाय गठित करने का फैसला किया है. इसमें दिल्ली एम्स की संस्थान निकाय और अन्य एम्स के निदेशक एवं उप निदेशक प्रशासन शामिल होंगे. इस निकाय में लिए गए निर्णय सभी एम्स में लागू होंगे.