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जेपीएससी की 11वीं, 12वीं और 13वीं सिविल सेवा परीक्षा में क्‍यों हो रही है देरी?

जेपीएससी की 11वीं, 12वीं और 13वीं सिविल सेवा परीक्षा में क्‍यों हो रही है देरी?

Ranchi: जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा से संबंधित नियमावली पर अंतिम स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से 11वीं, 12वीं व 13वीं सिविल सेवा परीक्षा में अभी और देरी होगी. बताया जा रहा है कि परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों को कम से कम दो से तीन महीने और इंतजार करने पड़ेंगे. जबकि, जेपीएससी के सुझाव पर सिविल सेवा परीक्षा से जुड़ी नियमावली में संशोधन का प्रारूप तैयार कर लिया गया है.

विभागीय मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री की सहमति भी मिल चुकी है, अब प्रारूप पर जेपीएससी की सहमति मिलने के बाद उसे कैबिनेट से स्वीकृति लेनी है. लेकिन, ऐसा नहीं हो पा रहा है. जानकारी के अनुसार, इसके लिए 31 अक्टूबर को जेपीएससी और कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई थी. लेकिन, जेपीएससी की ओर से कोई अधिकारी आया ही नहीं. परिणाम यह हुआ कि नियमावली को संशोधित करने की प्रक्रिया फिर ठहर गई है.

अभ्यर्थियों को करने पड़ सकते हैं और 2 से 3 माह का इंतजार

जेपीएससी ने दिया था संशोधन का प्रस्ताव

जेपीएससी ने परीक्षा को लेकर हमेशा विवाद खड़ा होने, मामला कोर्ट में जाने और अन्य विसंगतियों को ध्यान में रखकर परीक्षा नियमावली में संशोधन करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया था. आयोग का कहना था कि पीटी, मेंस, इंटरव्यू और फाइनल रिजल्ट से संबंधित नियमावलियों की धारा को स्पष्ट किया जाए. मसलन पीटी, मेंस, इंटरव्यू और अंतिम परीक्षाफल के प्रकाशन से जुड़े नियमों को क्रमवार किया जाए.

यह भी स्पष्ट किया जाए कि पीटी में रिक्ति का कितना गुणा, मेंस और इंटरव्यू में कितना गुणा रिजल्ट का प्रकाशन हो और उसका आधार स्पष्ट हो, ताकि रिजल्ट तैयार करने में कोई परेशानी और विसंगति न रहे.

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ख्यांगते कमेटी ने नियमावली पर दी है रिपोर्ट

एल ख्यांगते की अध्यक्षतावाली कमेटी ने नियमावली में संशोधन को लेकर कई बैठकें की. कमेटी ने भी माना कि नियमावली में कई जगह विरोधाभास है. साथ ही पीटी, मेंस, इंटरव्यू और फाइनल रिजल्ट के प्रकाशन संबंधी नियमावली सिक्वेंस वाइज होनी चाहिए.

जानकारी के अनुसार, कमेटी की रिपोर्ट पर कार्मिक ने नियमावली में संशोधन करने का प्रारूप भी तैयार कर लिया है. साथ ही, उस पर विभागीय मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री की सहमति भी ले ली गई है. परंतु, कैबिनेट की स्वीकृति से पहले उस पर जेपीएससी की भी सहमति जरूरी है. इसी कारण 31 अक्टूबर को बैठक बुलाई गई थी.

बीपीएससी हर वर्ष ले रहा परीक्षा

ओडिशा और मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से अलग होने के बाद बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) 1 अप्रैल 1949 को अस्तित्व में आया. 1950 से बीपीएससी फंक्शनल हुआ. इस तरह बीपीएससी बने लगभग 72 वर्ष हो चुके हैं. इन 72 वर्षों में बीपीएससी ने सिविल सेवा की 67 परीक्षाएं ले चुका है. चार दिन पहले ही 67वीं बीपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट आया है, लेकिन 23 वर्षों में जेपीएससी 10 परीक्षा लिया.

2023 की रिक्तियां भी जुड़ेंगी

जेपीएससी सिविल सेवा की 10 परीक्षाएं ले चुका है. 2021 और 2022 की रिक्तियों के आधार पर 11वीं और 12वीं सिविल सेवा परीक्षा होनी है. इसमें कुल 354 रिक्तियां हैं. इनमें राज्य प्रशासनिक सेवा के लिए लगभग 112 पद चिह्नित हैं. शेष अन्य संवर्गों के हैं, लेकिन नियमानुसार अब 31 दिसंबर को समाप्त हो रहे 2023 की रिक्तियां भी उसमें जुड़ेंगी. इस तरह रिक्तियों की संख्या 500 के पार जा सकती है. साथ ही, जेपीएससी चाहे तो 11 वीं से 13 वीं की परीक्षा एक साथ ले सकती है.

पिछले 10 सालों से रांची में डिजिटल मीडिया से जुड़ाव रहा है. Website Designing, Content Writing, SEO और Social Media Marketing के बदलते नए तकनीकों में दिलचस्‍पी है.

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