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क्‍यों मनाते हैं अप्रैल फूल डे… पहली अप्रैल के दिन मूर्ख बनाने की कहानी

क्‍यों मनाते हैं अप्रैल फूल डे… पहली अप्रैल के दिन मूर्ख बनाने की कहानी

1 अप्रैल को पूरी दुनिया में लोग मूर्ख दिवस मनाते हैं. यह दिन वास्तव में मजेदार होता है क्योंकि लोग अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों और सहकर्मियों के साथ मजाक करते हैं. मजाक करने के बाद, लोग अक्सर उत्साह में “अप्रैल फूल डे” चिल्लाते हैं.

अप्रैल फूल दिन की शुरूआत की कहानी थोड़ी रहस्यमयी और चौंकाने वाली है, लेकिन ऐसा लगता है जैसे समय के साथ यह विभिन्न देशों में लोकप्रिय होने लगा. कुछ लोगों का कहना है कि मूर्ख दिवस मनाने की परंपरा फ्रांस में शुरू हुई थी, लेकिन लगता है कि यह दूसरे देशों में भी फैल गई है सच्ची कहानी जो भी हो, हमें यकीन है कि मूर्ख दिवस बहुत मज़ेदार होता है!

अप्रैल फूल डे की शुरुआत की कहानी

1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे क्यों मनाया जाता है इसका कोई स्पष्ट कारण तो नहीं है, लेकिन इसकी शुरूआत के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं.

एक कहानी के अनुसार, 1380 के दशक में, राजा रिचर्ड ने एक चुनाव जीता, और बोहेमिया की रानी ऐनी (जो वास्तव में उसमें दिलचस्पी थी) ने घोषणा की कि वे 32 मार्च को शादी करने जा रहे हैं. गुड न्‍यूज सुनकर, जनता उत्साहित थी , लेकिन 31 मार्च को लोगों को एहसास हुआ कि वास्तव में ऐसा नहीं होने वाला था. इसके बाद लोग इस शरारत की याद में 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस के रूप में मनाने लगे.

एक दूसरी कहानी के अनुसार मूर्ख दिवस इससे बहुत पहले, 1392 में मनाया गया था, लेकिन इनमें से किसी भी दावे की पुष्टि के लिए कोई वास्तविक सबूत नहीं है.

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‘अप्रैल फूल डे’ क्‍यों मनाया जाता है

कुछ लोगों का मानना ​​है कि नए साल का दिन मूल रूप से 1 अप्रैल को कुछ यूरोपीय देशों में शुरू हुआ था. हालाँकि, जब पोप ग्रेगरी XIII ने सभी को एक नया कैलेंडर अपनाने का आदेश दिया, तो नए साल का दिन आधिकारिक तौर पर 1 जनवरी से शुरू हुआ. कुछ लोग 1 अप्रैल को नए साल का जश्न मनाते रहे, और इसके लिए वे हँसे. ऐसे हुई अप्रैल फूल डे की शुरुआत हालांकि, 19वीं शताब्दी तक अप्रैल फूल डे काफी लोकप्रिय हो चुका था.

भारत में अप्रैल फूल डे मनाने की शुरूआत कब हुई

पूरी दुनिया में अप्रैल फूल डे मनाने के कई तरीके हैं. ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और अफ्रीकी देशों में इसे 1 अप्रैल की रात 12 बजे तक ही मनाया जाता है. हालांकि, कनाडा, अमेरिका, रूस और अन्य यूरोपीय देशों में इसे 1 अप्रैल को पूरे दिन मनाया जाता है. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भारत में इस दिन की शुरुआत 19वीं सदी में अंग्रेजों ने की थी. आज के समय में पूरी दुनिया में अप्रैल फूल डे पर लोग एक-दूसरे का मजाक उड़ाते हैं और मजाक उड़ाते हैं.

पिछले 10 सालों से रांची में डिजिटल मीडिया से जुड़ाव रहा है. Website Designing, Content Writing, SEO और Social Media Marketing के बदलते नए तकनीकों में दिलचस्‍पी है.

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