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Ranchi: लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का झारखंड में कमान किसके हाथ में होगा. इसको लेकर लॉबिंग शुरू हो गई है. राजद के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष की रेस में कई बड़े चेहरों की चर्चा है. इनमें से कुछ बिहार के मूल निवासी हैं तो कुछ झारखंड के. लालू प्रसाद यादव के निर्देश से झारखंड की सभी कमिटियां भंग कर दिया गया हैं. इधर बिहार से पार्टी के कई शीर्ष नेता किसी न किसी बहाने रांची पहुंच चुके हैं. वे यहां पार्टी ने नेतृत्व के लिए नए चेहरे के लिए कद्दावर नेताओं के साथ बैठकर मंथन कर रहे हैं.
अब्दुल बारी सिद्दीकी रांची पहुंचे
अब्दुल बारी सिद्दीकी राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव हैं. वे रांची अपने करीबी की शादी में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं. झारखंड में राजद की सभी कमिटियां भंग होने के बाद शीर्ष नेतृत्व का रांची आगमन को बहुत खास माना जा रहा है. उन्होंने रांची एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि एक महीने के भीतर झारखंड राजद की नई कमिटी का गठन कर दिया जाएगा.
युवा राजद के झारखंड प्रभारी रांची में
अब्दुल बारी सिद्दीकी के साथ युवा राजद के झारखंड प्रभारी राजीव झा भी रांची पहुंचे हुए हैं. वे यहां के राजद के नेताओं और कार्यकर्ताओं से नए नेतृत्व को लेकर अलग-अलग चर्चा कर रहे हैं.
राजद झारखंड प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदार
राजेश यादव: राजद के राजद प्रदेश अध्यक्ष पद के रेस में सबसे ज्यादा राजेश यादव की चर्चा हो रही है. उनका नाम राष्ट्रीय जनता दल के सबसे सीनियर नेताओं में शुमार हैं. राजेश यादव पार्टी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पुराने साथी हैं. राजद के गठन के पहले से दोनों एक-दूसरे के करीबी रहे हैं. राजेश झारखंड के पलामू जिले के मूल निवासी हैं और अभी रांची के मतदाता हैं. उन्हें झारखंड का प्रदेश अध्यक्ष के पद के तौर पर देखने के लिए कई बड़े नेता खड़े हैं. जानकारी के अनुसार राजद के चंद्रकिशोरी सिंह, अशोक सिंह राजपूत, अब्दुल मनान, मो इस्लाम, मुस्तफा अंसारी, अफरोज आलम, हेमंत वर्मा, यासीन आलम, अनिल सिंह यादव, मो शौकत अंसारी जैसे पुराने और सीनियर नेता राजेश यादव को झारखंड में राजद का कमान देने के पक्ष में खड़े हैं.
सुभाष यादव: सुभाष यादव लालू यादव के खास और करीबी हैं. चर्चा है कि सुभाष यादव भी राजद प्रदेश अध्यक्ष की रेस में हैं. लालू यादव ने सुभाष को कोडरमा सीट से 2019 विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया था. लेकिन चुनाव आयोग ने इसलिए उनका नामांकन रद्द कर दिया क्योकि वे झारखंड के मतदाता नहीं हैं. सुभाष यादव बिहार के दानापुर के वोटर हैं.
गौतम सागर राणा: राजद के अगले झारखंड प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर गौतम सागर राणा के नाम की भी चर्चा है. वे इस पद पर दो बार रह चुके हैं और उनका कार्यकाल विवादों भरा रहा. उनके कार्यकाल में लोक सभा चुनाव 2019 के ठीक पहले झारखंड में राजद का दो फाड़ भी हुआ. उसके बाद गौतम सागर राणा ने नई पार्टी गठन कर नए चुनाव चिन्ह से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था.
संजय यादव: गोड्डा के पूर्व विधायक संजय यादव भी राजद के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष के रेस में हैं. वे बिहार के बांका जिले के मूल निवासी हैं. पिछले कुछ महीनों से वे पार्टी में खूब एक्टिव हैं. इसकी वजह से पार्टी ने भरोसा करते हुए उन्हें प्रमोट करते हुए महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी देते हुए राजद का प्रधान महासचिव बनाया.
संजय यादव गोड्डा का विधान सभा चुनाव लगातार दो बार हार चुके हैं. गोड्डा सीट में 27 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं. वे यहां किसी भी उम्मीदवार का हार और जीत तय करते हैं. कहा जाता है कि संजय यादव ने एमएलए रहते क्षेत्र में मुस्लिमों वोटरों की अनदेखी की, जिससे वे राजद से नाराज हैं.
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए राष्ट्रीय जनता दल ने मिशन 30 प्लस का ऐलान कर रखा है. इसे हासिल करने के लिए पार्टी ने अगले विधानसभा चुनाव में प्रदेश के सभी विधानसभा सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. झारखंड में राजद का नेतृत्व परिवर्तन इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए बड़े मास्टर प्लान का हिस्सा माना जा रहा है. राजद हाईकमान इसके लिए स्थानीय,आदिवासी और अल्पसंख्यक मतदाताओं के बीच लोकप्रिय चेहरे को मौका देने की पहल कर सकता है.