Ranchi: चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार होता है. झारखंड में नगर निकाय चुनाव की सुगबुगाहट से गली-कस्बों में राजनीतिक सरगर्मी शुरू हो गई थी. आस-पास के लोग चुनाव लड़ने की तैयारियां शुरू हो गई थी. तारीखों के एलान के पहले ही कई जगहों में बैनर होडिंग लगने शुरू हो गए थे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में टीएसी की बैठक में लिये गए फैसलों के बाद उन लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है.
अब लोगों को निकाय चुनाव के लिए कुछ समय तक इंतजार करना पड़ेगा. झारखंड में निकाय चुनाव कब होंगे यह अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है. टीएसी की बैठक के निर्णयों पर कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा. यहां पास होने के बाद केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया में कितना वक्त लगेगा. इस पर अभी कुछ नहीं कहा सकता है.
झारखंड एडवाइजरी कमिटी की आपात बैठक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इसमें झारखंड में नगर निकाय चुनाव को लेकर बड़ा फैसला लिया गया. टीएसी के इस फैसले के बाद राज्य में नगर निकाय चुनाव अब संभावित तारीखों में नहीं कराया जा सकेगा.
झारखंड राज्य निर्वाचन आयोग निकाय चुनाव की प्रक्रिया क्रिसमस के पहले संपन्न कराना चाहती थी. इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी. राज्य निर्वाचन आयोग 19 दिसंबर को एक ही चरण में सभी 48 निकाय क्षेत्रों में चुनाव संपन्न कराना चाहती थी. 22 दिसंबर को वोटों की गिनती कराने की योजना थी.निकाय चुनाव के कार्यक्रम को राज्यपाल रमेश बैस ने अपनी मंजूरी दे दी थी.
राज्यपाल के मंजूरी के बाद निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने की उम्मीद थी. लेकिन टीएसी के बैठक में लिये निर्णयो के बाद अब नगर निकाय चुनाव की तारीखों में बदलाव की संभावना बढ़ गई है.
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आदिवासी संगठनों का विरोध
नगर निकाय चुनाव में आरक्षण रोस्टर का कई आदिवासी संगठन विरोध कर रहे हैं. आदिवासी संगठनों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर अपना विरोध जताया और ज्ञापन सौंपा. वे रांची समेत अनुसूचित जिलों के कई नगर निकाय चुनाव में मेयर और अध्यक्ष के पद को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित या सामान्य घोषित करने का विरोध कर रहे हैं.
निकाय चुनाव के विरोध में आदिवासी संगठनों ने निर्वाचन आयोग कार्यालय में प्रदर्शन किया. जब टीएसी की बैठक चल रही थी तब आदिवासी संगठन सड़कों पर पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.
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निकाय चुनाव को लेकर टीएसी का फैसला
टीएसी की बैठक में खासकर पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में एकल पद आरक्षण को लेकर चर्चा की गई. कहा गया कि इस मामले में कानूनी सलाह लिया जाएगा, क्योंकि अभी तक पंचायतों में पेसा कानून के तहत ही चुनाव हो रहे हैं. पेसा कानून में कोई संशोधन नहीं किया गया है.
बैठक में अधिकांश सदस्यों ने एकल पद पर एसटी का आरक्षण समाप्त करने का विरोध किया और इसको लेकर कैबिनेट में एक प्रस्ताव लाकर केंद्र सरकार भेजने का सुझाव दिया है. ऐसे में नगर निकाय चुनाव की तिथि को आगे बढ़ाने का सुझाव दिया गया है.
ऐसे में झारखंड के लोगों को नगर निकाय चुनाव के लिए अभी इंतजार करना पड़ सकता है. क्रिसमस के पहले निकाय चुनाव संपन्न कराना संभव नहीं होगा.
बैठक में टीएसी के अध्यक्ष हेमंत सोरेन के साथ उपाध्यक्ष चम्पाई सोरेन, विधायक-सह-टीएसी सदस्य स्टीफन मरांडी, दीपक बिरुआ, दशरथ गगराई, विकास कुमार मुंडा, नमन बिक्सल कोनगाड़ी, राजेश कच्छप, सोनाराम सिंकू, शिल्पी नेहा तिर्की, मनोनीत सदस्य विश्वनाथ सिंह सरदार, जमल मुंडा शामिल थे.
साथ ही बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव के श्रीनिवासन, सचिव केके सोन, सचिव हिमानी पांडे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
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