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Ranchi: पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. खबर के मुताबिक इन लोगों के पास दो लाख रुपये कैश बरामद किये गये हैं. दावा किया जा रहा है कि तीनों अभियुक्त सरकार पलटने की साजिश मे शामिल थे. ये रांची में झारखंड के 12 विधायक खरीदने की मंशा से आए हुए थे. पुलिस ने आरोपियों के पास के कुछ दस्तावेज भी बरामद किये हैं, जो झारखंड के विधायकों के साथ हवाई यात्रा से जुड़े बताया जा रहा है.
जिन तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है उनमें से रांची, बोकारो और पलामू के रहने वाले हैं. पुलिस की स्पेशल ब्रांच की टीम ने छापामारी कर तीनों को रांची के एक होटल से गिरफ्तार किया है. रांची के कोतवाली थाना में इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 124ए, 120बी, 34 और पीआर एक्ट की धारा 171 के साथ पीसी एक्ट की धारा 8/9 लगाई गई है.
मीडिया की खबरों में दावा किया गया है कि तीनों आरोपी झारखंड के हेमंत सरकार को गिराना इरादे से होटल में रूके हुए थे. इसकी सूचना पर पुलिस ने एक टीम बनाई और देर रात होटल में रेड डाला. पुलिस इस मामले में हिरासत में लिये गए अभियुक्तों से पूछताछ कर रही है.
निशिकांत का तंज- विधायकों की कीमत बकरे से भी कम
इस पूरे मामले बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि अब तो 2 लाख में 4 आदमी मिलकर झारखंड में विधायक खरीद रहे हैं. झारखंड के विधायकों की कीमत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 10 हजार रुपये लगा दिया है. बकरीद में तो बकरे की कीमत तो इससे कई गुना ज्यादा होती है.
निशिकांंत के ट्वीट को पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने टैग करते हुए ट्वीट करते हुए कहा है- अंधेर नगरी-चौपट राजा. मालिक अगर अंधा हो जाए तो बिल्लियाँ थाली में साथ खायेंगी ही.
एक आरोपी सब्जी बेचने वाला तो दूसरा मजदूर
झारखंड में सरकार गिराने की साजिश रचने के गिरफ्तारी के मामले में बड़ा ट्विस्ट सामने आया है. पुलिस ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें एक सब्जी बेचता है और दूसरा आरोपी दिहाड़ी मजदूर है. बताया जा रहा है कि दोनों बोकारो के रहनेवाले हैं.
खबरों के अनुसार इनके परिजनों का कहना है कि पुलिस ने इन्हें दो दिन पहले बोकारो में उनके घरों से उठाया था. इधर पुलिस ने इन तीनों को राजधानी रांची के ली-लैक होटल से गिरफ्तार करने का दावा किया है.
परिजनों के मुताबिक, निवारण प्रसाद महतो बोकारो में सब्जी और फल की रेहड़ी लगाते हैं जबकि अमित सिंह दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते हैं.

पुलिस ने दोनों को दो दिन पहले बोकारो में यह कहकर उठाया था कि एक मामले में पूछताछ करनी है. एक-डेढ़ घंटे में छोड़ दिया जायेगा.
लेकिन इसके बाद उन्हें एक स्कॉर्पियो में बिठाकर कहीं और ले जाया गया. परिजन स्थानीय थाने में पहुंचकर उनके बारे में पूछताछ करते रहे, लेकिन पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी. आज दोपहर पुलिस ने उन्हें बताया कि दोनों को रांची कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आपलोग रांची जाकर पता कर सकते हैं.

परिजन जब रांची आये तो उन्हें मीडिया की खबरों से पता चला कि दोनों को सरकार गिराने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. परिजनों का कहना है कि रोज कमाने-खाने वाले दोनों लोगों का राजनीति से दूर-दूर तक लेना-देना नहीं है, फिर ये सरकार गिराने की साजिश कैसे रच सकते हैं?
परिजनों ने रांची की कोतवाली पुलिस से मिलकर अपनी बात रखनी चाही, लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी.