Hidden and Surprising Facts About Shahi Snan
ग्रहों की स्थिति से तिथि निर्धारण
शाही स्नान की तिथि सूर्य और गुरु की विशिष्ट स्थिति देखकर तय की जाती है, जो धन और वैभव प्रदान करते हैं।
नागा साधुओं का विशेषाधिकार
नागा साधु पहले शाही स्नान का अधिकार रखते हैं क्योंकि उन्हें धर्म का रक्षक माना जाता है।
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प्राचीन इतिहास का जुड़ाव
मुगलकाल में नागा साधुओं ने धर्म की रक्षा के लिए शाही स्नान को विशेष मान्यता दिलाई।
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राजसी ठाट-बाट का प्रदर्शन
नागा साधु हाथी, घोड़े, और रथों पर सजधज कर स्नान के लिए आते हैं।
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शाही स्नान का नामकरण
नागा साधुओं के भव्य जुलूस और स्नान की शैली को देखकर इसे "शाही स्नान" कहा जाता है।
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साधु-संतों का सामूहिक स्नान
शाही स्नान के दौरान पहले नागा साधु स्नान करते हैं, फिर अन्य साधु और अंत में आम लोग।
मोक्ष प्राप्ति की मान्यता
कुंभ स्नान को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है।
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धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन
शाही स्नान से पहले मंत्रोच्चारण, शंखध्वनि और धूप-दीप से विशेष पूजा की जाती है।
कुंभ का प्राचीन महत्व
महाकुंभ को "सर्वोत्तम आध्यात्मिक पर्व" माना जाता है।
विशेष सुरक्षा प्रबंध
नागा साधुओं की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जाती हैं।
मुगलों से संघर्ष की याद
मुगलों के खिलाफ संघर्ष में नागा साधुओं के योगदान की वजह से उन्हें विशेष दर्जा मिला।
स्नान का पर्यावरणीय पहलू
गंगा में स्नान का महत्व पवित्रता और पर्यावरण संरक्षण से भी जुड़ा है।
नागा साधुओं की तपस्या
हिमालय में कठिन तपस्या करने वाले नागा साधु केवल कुंभ के लिए बाहर आते हैं।
कुंभ स्नान का विज्ञान
गंगा के जल में स्नान से सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है।
शाही स्नान और पर्यटन
यह आयोजन लाखों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।