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आनंदमयी जीवन कैसे जिएं अर्थात आनंद प्रज्ञा की अविस्मरणीय कक्षा का शुभारंभ

Ranchi: भागदौड की जिंदगी में आज लोगों की लाइफस्‍टाइल से खुशियां गुम सी हो गई है. ऐसे लोगों की जीवन में खुशियों की वापसी के लिए रांची में प्रमाणिक और वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित आनंद प्रज्ञा शुरू हुई है. इसमें लोगों को आनंदित जीवन कैसे जिएं इसके तरीकों की अनमोल जानकारी दी जा रही है.

दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम के पहले दिन पांच सत्रीय विषय बोध का आयोजन हुआ. इस दौरान आत्मीयता , अनुराग एवं अविस्मरणीयता के सूत्र के साथ सम्यक खोज की विषयवस्तु का पहला सत्र आचार्य अमरेश जी ने प्रारंभ किया. लोककल्याण की मंगलकामनाओं के साथ सम्यक खोज की प्रासंगिकता एवं प्रयोजनीयता पर विस्तार पूर्वक आचार्य ने व्याख्या की.

दूसरे सत्र में विनोदप्रिय आचार्य ज्ञानामृत जी ने सम्यक दृष्टि का बड़े ही सहज और सरल शब्दों में तात्पर्य स्पष्ट किया. तीसरे सत्र में स्वयं समर्थगुरु जी ने मंत्रमुग्ध वाणी में सम्यक जागृति के संदर्भ में अपना उद्बोधन आरंभ किया. उन्होंने कहा कि परम गुरु ओशो ने लगभग छह हजार प्रवचन दिए , किंतु उनमें सम्मासती शब्द प्राथमिक एवं सर्वोपरि रहा है.

गुरुदेव ने बताया कि अपने अहंकार एवं निराकार के प्रति जागना सम्यक जागृति अथवा सम्मासती कहलाता है. स्वयं को सही, श्रेष्ठ एवं निर्दोष तथा दूसरे को ग़लत, तुच्छ व दोषी सिद्ध करना अहंकारी के लक्षण हैं. इससे कलह बढ़ती है. प्रतिशोध की जगह क्षमा अपनानी चाहिए. इसके पश्चात उन्होंने प्रश्नोत्तरी के क्रम में साधकों के प्रश्नों का यथोचित उत्तर भी दिया.

क्रमशः चौथे तथा पांचवें सत्र में सम्यक कर्म और सम्यक संबंध पर आचार्य दर्शन जी एवं ज्ञानामृत जी ने अपने बहुमूल्य विचार दिए.

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इस अवसर पर मुख्य रूप से स्वामी श्रीप्रकाश देवकुलीश, ओशोधारा पूर्वी भारत प्रदेश के प्रेस मीडिया कोआर्डिनेटर स्वामी राज़ रामगढी, युपी सिंह, कुमार गौतम, अनुज वत्स, अरविंद कुमार, प्रहलाद साव, चन्द्रकान्त पंडित, भूषण जी, सुनील कुमार, रमण सिंह, मनु कुमार, पंकज कुमार, रंदीप कुमार, संजय कुमार, विनोद पटेल, पूजा कुमारी, सुप्रिया सिंह, पिंकी कुमारी एवं सत्यम कुमार सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे. इस बात की जानकारी स्वामी राज़ रामगढी ने दी है.

पिछले 10 सालों से रांची में डिजिटल मीडिया से जुड़ाव रहा है. Website Designing, Content Writing, SEO और Social Media Marketing के बदलते नए तकनीकों में दिलचस्‍पी है.

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