Ranchi: राँची के JSCA स्टेडियम में अर्ध-वार्षिक MID – ANEICON – 2023 कार्यक्रम की शुरुआत हुई. यहां देशभर से पहुंचे ख्यातिप्राप्त न्यूरो विशेषज्ञ ने अपने अनुभवों को साझा किया.
झारखंड न्यूरोसाइंसेंस सोसाइटी और एसोसिएशन ऑफ़ न्यूरोसाइंटिस्ट ऑफ़ ईस्टर्न इंडिया द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत बतौर मुख्य अतिथि रांची के प्रमुख न्यूरो सर्जन डॉ एचपी नारायण ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. डॉ एचपी नारायण ने एक न्यूरो सर्जन के रूप में 1967 से शुरू हुई अपनी सफल जीवन यात्रा के सुखद और ज्ञानवर्धक जानकारियों को चिकित्सकों के साथ शेयर किया.
MID – ANEICON – 2023 के आयोजक सचिव एवं पारस अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ संजय कुमार ने बताया की ऐसे कार्यक्रम से न्यूरोसाइंस के क्षेत्र में वृहत् ज्ञान और नवीनतम तकनीक को जानने और समझने का सुअवसर मिलता है. रांची जैसे छोटे शहर में भारत के जाने माने प्रतिभाशाली न्यूरो चिकित्सक की उपस्थिति से चिकित्सा विज्ञान की उत्कृष्टता प्रमाणित होती है. हमारे नए और युवा न्यूरो चिकित्सकों के लिए यह कार्यक्रम मार्गदर्शन का काम करता है.
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को न्यूरो से संबंधित बीमारियों के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ न्यूरो विज्ञान की जानकारियों को साझा करना है.
डॉ संजय कुमार ने मीडिया के माध्यम से झारखंड सरकार से गुज़ारिश की है कि झारखंड में भी एक न्यूरो साइंस केंद्र बने ताकि यहाँ की जनता को न्यूरो से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए बाहर न जाना पड़े.
MID – ANEICON – 2023 के आयोजक चेयरमैन डॉ अनिल कुमार ने बताया की इस कार्यक्रम में न्यूरो विज्ञान से जुड़े तमाम चिकित्सक सम्मिलित हैं जो आम लोगों में होनेवाले न्यूरो से संबंधित समस्याओं के निदान पर अपने अनुभव और जानकारी को सबके बीच साझा करते हैं. ऐसा कार्यक्रम हम चिकित्सकों के लिए बहुत लाभकारी होता है.
उन्होंने बताया कि निर्धारित सुरक्षा मानक को अपनाकर बीमारियों से बचाव किया जा सकता है.
आयोजक मंडल के सचिव डॉ विराट ने कार्यक्रम के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि पूर्वी भारत के न्यूरोसाइंटिस्टों का संगठन है ANEI, जिसमें बिहार, बंगाल, उड़ीसा, झारखंड और उत्तर-पूर्वी राज्य के न्यूरो चिकित्सक सम्मिलित हैं.
राँची में पहली बार वर्ष 1992 में सचिव डॉ के के सिन्हा और डॉ श्यामल की अध्यक्षता में इस तरह का सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसके बाद हर साल इस तरह का सम्मेलन आयोजित किया जाता है, जिससे न्यूरो विज्ञान के असीमित ज्ञान को अनुभवी चिकित्सकों के माध्यम से समझने का एक अवसर मिलता है.
कार्यक्रम के पहले शेषण में दिल्ली से आये न्यूरो विशेषज्ञ डॉ सुमित सिन्हा ने “की होल एप्रोच सर्जरी” विधि पर विस्तृत जानकारी दी और सर्जरी को कैसे आसान और सुरक्षित बनाया जा सकता है इस पर अपने अनुभव बताये.
कार्यक्रम में उपस्थित चिकित्सकों ने न्यूरोसर्जरी में इस्तेमाल की जानेवाली स्क्रु फ़िक्सेशन, न्यूरोलॉजी से संबंधित बीमारी की पहचान और उसका निदान तथा न्यूरो क्रिटिकल केयर के अन्तर्गत न्यूरो मॉनिटरिंग और ब्रेन की कार्य प्रणाली की मॉनिटरिंग विषय पर वर्कशॉप का लाभ उठाया.
MID – ANEICON – 2023 के पहले दिन के अंत में सभी ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का लुत्फ़ उठाया.
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