Ranchi: (Tumor Treatment Hospital in Ranchi) हजारीबाग की रहने वाली एक 105 साल की महिला के पेट से कीड़े वाला ट्यूमर ऑपरेशन करके निकाला गया. वह महिला कई महिनों से असह्य पेट दर्द से परेशान थी. महिला के परिजनों इलाज के लिए कई डॉक्टरों और अस्पतालों में संपर्क किया, लेकिन राहत नहीं मिली.
समय के साथ वृद्ध महिला की पेट दर्द और परेशानी बढ़ रही थी. कीड़े वाला ट्यूमर भी बढ़ता जा रहा था. सिस्ट इतना बड़ा हो गया कि मानों पेट से बाहर आ रहा हो. तब महिला के परिजनों ने रांची में एक निजी अस्पताल के डॉक्टर (मेजर) रमेश दास से संपर्क किया.
रांची के हास्पीटल में 105 वर्षीय महिला का ट्यूमर ऑपरेशन
डॉ दास ने सीटी स्कैन रिपोर्ट को देखा और पाया कि महिला मरीज को लिवर हाइडेटिक सिस्ट हो रखा है ओर सिस्ट इतना बड़ा स्वरूप ले चुका था कि लिवर का 80% हिस्सा सिस्ट में बदल गया था. ऐसा हो गया था कि सिस्ट पेट के चमड़े को फाड़ते हुए बाहर निकल रहा था.
तब डॉक्टर (मेजर) रमेश दास ने महिला मरीज के परिजनों से सलाह के बाद ऑपरेशन से सिस्ट को निकाने का फैसला किया. वृद्ध महिला के ऑपरेशन के लिए सबसे बड़ी चुनौती एनेस्थेसिया दिए जाने की थी.
वृद्ध महिला के लिए एनेस्थीसिया खतरनाक होता है. लेकिन डॉ संंजय वर्मा और उनकी टीम ने इस चुनौती को स्वीकार किया ओर 105 साल साल की वृद्ध महिला मरीज को एनेस्थेसिया देने का फैसला किया.
एनेस्थेसिया के बाद डॉक्टर (मेजर) रमेश दास और डॉ ओम प्रकाश ने महिला मरीज की सफल सर्जरी की. सिस्ट को महिला के शरीर से बाहर निकाला गया.
ऑपरेशन के बाद अब 105 साल की वृद्ध महिला खतरे से बाहर है. वह सहज महसूस कर रही हैं. अब वह असह्य पेट के दर्द से मुक्त हो चुकी हैं. अस्पताल ने भी उन्हें डिस्चार्ज कर दिया है.