Ranchi : राजधानी रांची में अपराधियों का मनोबल सिर चढकर बोल रहा है. अपराधियों ने सीपीआई के आदिवासी नेता सुभाष मुंडा की हत्या ऑफिस में घुस कर दी. अपराधियों ने सुभाष मुंडा पर ताबडतोड फायरिंग की. उन्हें करीब 7-8 गोलियां मारी गई. घटना के बाद मौके पर ही उनकी मौत हो गई.
बेखौफ अपराधी घटना को अंजाम देने के बाद बड़े आराम से भाग निकले. उस रास्ते पर अक्सर लोगों का आना-जाना होते रहता है, पर भागते शूटरों के बारे में अब कुछ पता नहीं चला है.
सुभाष मुंडा नेक दिल आदिवासी नेता थे. वह हटिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ चुके थे. साथ ही मांडर उपचुनाव भी उन्होंने लडा था. सुभाष मुंडा के मारे जाने की फैली खबर से आदिवासी समाज में शोक की लहर है. साथ ही जनाक्रोश भी देखने को मिल रहा है. सड़क पर उतरे लोगों ने जमकर अपने गुस्से का इजहार किया. इलाके की दुकानें धड़ाधड़ बंद हो गई.
गाड़ियों में तोड़-फोड़ की सूचना पर कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई. कई छोटे-बड़े अधिकारी भी अतिरिक्त फोर्स के साथ स्पॉट पर पहुंच गए.
सुभाष मुंडा की हत्या किसने और क्यों की, इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है.
आदिवासी नेता सुभाष मुंडा को करीब से जानने वाले एक शख्स ने बताया कि नेक दिल इंसान सुभाष मुंडा का बर्ताव कर किसी के साथ बहुत बढ़िया था. वह हर किसी के दुखड़े को दूर करने वाले सामाजिक कामों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते थे.
आखिर सुभाष मुंडा के जान का दुश्मन कौन हो सकते है. यह राज अब पुलिस ही खोल सकती है. वह जमीन खरीद-बिक्री से भी जुड़े थे. बताया गया कि नगड़ी थाना क्षेत्र के दलादली चौक से जरा आगे उनका घर है. घर कर नीचे तल्ले में ही वह अपना दफ्तर बना रखे थे.
कुछ लोगों ने आशंका जतायी कि सुखदेव नगर रातू नगड़ी में अपराधियों की एक “नई पौध” तैयार हुई है. इस गैंग से जुड़े अपराधियों ने बेखौफ होकर कुछ कांड भी किए है. पुलिस पूरे मामले की गहराई से तहकीकात कर रही है.