New Delhi: कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ? इस सवाल पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है. मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों अपने दावों पर कायम हैं. कांग्रेस के सभी नवनिर्वाचित विधायक दिल्ली में हैं.
16 मई को दिन भर दिल्ली दरबार में बैठकों का दौर जारी रहा. इसके बाद भी मुख्यमंत्री के नाम को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही. कहा जा रहा है कि किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए बुधवार सुबह बैठकों का एक दौर और होगा.
कांग्रेस पार्टी के कुछ लोगों ने कहा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी बुधवार को हिमाचार प्रदेश के दौरे से दिल्ली लौटेंगी. तब उनसे कई नेताओं के मुलाकात की संभावना है. उसके बाद ही कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री का नाम स्पष्ट हो पायेगा.
राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डीके शिवकुमार सोनिया गांधी द्वारा कर्नाटक में नेतृत्व को लेकर जो सुझाव दिया जाएगा उससे हो सहमत हो सकते हैं.
डॉ जी परमेश्वर ने दिखाई सीएम बनने की उत्सुकता
इधर कर्नाटक के पूर्व डिप्टी सीएम डॉ जी परमेश्वर ने भी मुख्यमंत्री पद के लिए उत्सुकता दिखाई है. उन्होंने कहा कि अगर उनहें जिम्मेदारी दी जाती है, तो वे इसे पूरा करेंगे.
डॉ जी परमेश्वर ने कहा कि अगर कांग्रेस हाईकमान मुझे मुख्यमंत्री बनाती है तो वह पद संभालने के लिए तैया हैं. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी मुझे और मेरे काम के बारे में सब जानती हैं. मैं पैरवी नहीं करना चाहता.
इधर कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक के सभी विधायकों से बातचीत की है. वहीं राहुल गांधी ने भी कर्नाटक में सरकार गठन पर बातचीत करने के लिए मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष से भेंट की.
कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा कि बधुवार को एक अच्छा फैसला आएगा. कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के आवास से निकलते हुए उन्होंने कहा कि अच्छा फैसला आएगा, इंतजार करिए.
गुरुवार को खड़गे से मुलाकात करेगी केंद्रीय पर्यवेक्षकों की टीम
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार केंद्रीय पर्यवेक्षकों टीम गुरुवार सुबह 11 बजे खड़गे से मुलाकात कर सकती है.
बता दें कि विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार को घोषित होते ही कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों ने नेतृत्व को लेकर रविवार को खड़गे को फैसला लेने के लिए अधिकृत किया था.
कर्नाटक में नई सरकार के गठन प्रक्रिया की कार्रवाई के दिल्ली शिफ्ट होने के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों दिल्ली पहुंच गए हैं.

कनार्टक सीएम पद को लेकर गुटबाजी नहीं चाहती आलाकमान
कांग्रेस नेतृत्व कर्नाटक के लिए मुख्यमंत्री पद पर जल्द फैसला लेना चाहती है और यह भी तय करना चाहती है कि सरकार और पार्टी चलाने में कोई मतभेद पैदा न हो. इसके बाद कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनावों की अपनी तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है. इस पर कोई आंच न आये.
राजस्थान में कांग्रेस पहले ही गुटबाजी से जूझ रही है. छत्तीसगढ़ में नेतृत्व के मुद्दे पर मतभेद पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाहर निकलने से मध्य प्रदेश में पार्टी को नुकसान हुआ.
कांग्रेस नेतृत्व एक ऐसे फॉर्मूले पर विचार कर रहा है जहां विभिन्न समुदायों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए कर्नाटक में मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री हो सकते हैं.
कर्नाटक में पार्टी द्वारा नियुक्त केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने विधायकों से बात की और पार्टी नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट दे दी है.
सोनिया और राहुल की सलाह से खड़गे लेंगे अंतिम फैसला
राजनीतिक सूत्रों ने कहा कि खड़गे सोनिया गांधी और राहुल गांधी से सलाह मशविरा करने के बाद अंतिम फैसला लेंगे.
कर्नाटक के सीएम पद पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने सभी कांग्रेस नेताओं और कर्नाटक के नवनिर्वाचित विधायकों से मुलाकात की है. अब राहुल गांधी और सोनिया गांधी के सलाह के बाद ही आखिरी फैसला उनके द्वारा लिया जाएगा. घोषणा को कल तक के लिए टाला जा सकता है. कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान बेंगलुरु में ही किसा जा सकता है.
कर्नाटक सीएम बनने के लिए शिवकुमार और सिद्धारमैया दिल्ली में लगा रहे दम
खड़गे ने मंगलवार को शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों के साथ बैठक की. सिद्धारमैया अपने बेटे यतींद्र और विधायक जमीर अहमद, भैरती सुरेश और वरिष्ठ नेता केजे जॉर्ज के साथ खड़गे के आवास पर आए.
इससे पहले दिन में, शिवकुमार ने कहा कि वह पार्टी के फैसले की परवाह किए बिना “बैकस्टैबिंग या ब्लैकमेल” का सहारा नहीं लेंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी चाहे तो मुझे जिम्मेदारी दे सकती है… हमारा संयुक्त सदन है, हमारी संख्या 135 है. मैं यहां किसी को बांटना नहीं चाहता.
उन्होंने कहा कि वे मुझे पसंद करें या न करें, मैं जिम्मेदार व्यक्ति हूं. न मैं बैकस्टैब करूंगा और न मैं ब्लैकमेल करूंगा.
बेंगलुरु से रवाना होने से पहले उन्होंने कहा, “पार्टी मेरा भगवान है…हमने इस पार्टी का निर्माण किया है, मैं इसका हिस्सा हूं और इसमें मैं अकेला नहीं हूं. उन्होंने कहा, “हमने यह पार्टी (कांग्रेस) बनाई है, हमने यह घर बनाया है. मैं इसका हिस्सा हूं… एक मां अपने बच्चे को सब कुछ देगी.
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनकी उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर, शिवकुमार ने कहा, “मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता कि पहले क्या हुआ. यह कैसे हुआ. यह एक बंद अध्याय है, हमने सरकार बनाई, हमने सरकार खो दी, हमने एक गठबंधन सरकार खो दी. जीत और हार का जिम्मेदार कौन है अब इस पर बात करने का कोई फायदा नहीं है.
कांग्रेस ने कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा में 135 सीटें प्राप्त करके और भाजपा को 66 सीटों पर लाकर जोरदार जीत हासिल की है.
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