Extra Income: Ideas and Tips for Increasing Your Earnings

अयोध्‍या राम मंदिर के मुख्‍य पुजारी ने कहा- इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सिर्फ साढे 3 घंटे के लिए

अयोध्‍या राम मंदिर के मुख्‍य पुजारी ने कहा- इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सिर्फ साढे 3 घंटे के लिए

Raksha Bandhan Date and Time: अयोध्‍या राम मंदिर के मुख्य पुजारी ने कहा है कि इस साल रक्षाबंधन 30 अगस्त की रात को मनाया जाएगा. अयोध्‍या में उन्‍होंने कहा कि राखी का त्योहार पिछले सालों की तरह पूरे दिन या सुबह के समय नहीं, बल्कि रात के समय मनाया जाएगा.

आचार्य सत्येन्द्र दास राम जन्मभूमि अयोध्‍या के मुख्य पुजारी हैं. उन्‍होने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस साल राखी बांधने के लिए दिन में कोई ‘शुभ मुहूर्त’ नहीं है. अयोध्‍या राम मंदिर के मुख्‍य पुजारी ने कहा कि रक्षा बंधन 30 अगस्त की रात को 8:04 बजे शुरू होगा और उसी रात 11:36 बजे समाप्त होगा. इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सिर्फ 3 घंटे 30 मिनट के लिए है.

भारत में हर साल भाई-बहन के बीच अटूट बंधन का जश्न मनाने के लिए रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है. इस दौरान बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं. रक्षा बंधन श्रावण मास (सावन माह) के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जिसे पूर्णिमा तिथि भी कहा जाता है.

रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है?

हर साल रक्षाबंधन अगस्त महीने में मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के बाद अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उन्हें समृद्ध और पूर्ण जीवन के लिए आशीर्वाद देती हैं. बदले में, भाई उन्हें सभी नुकसान से बचाने और उन्हें बिना शर्त प्यार करने का वादा करते हैं. साथ ही, भाई अपनी बहनों को विशेष और प्यार का एहसास कराने के लिए उन्हें उपहार, मिठाइयाँ और पैसे देते हैं.

READ:  Rakhi Fashion Trends 2023: रक्षाबंधन में यूनिक स्‍टाइल के लेटेस्‍ट फैशन

रक्षाबंधन का ऐतिहासिक महत्‍व

रक्षा बंधन का उत्सव महाकाव्य महाभारत से जुड़ा हुआ है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि जब भगवान कृष्ण ने गलती से सुदर्शन चक्र पर अपनी उंगली काट ली थी, तो राजकुमारी द्रौपदी ने अपनी साड़ी से एक कपड़ा फाड़ा और उसे कृष्ण की घायल उंगली पर बांध दिया. यह भाव देखकर भगवान कृष्ण अभिभूत हो गए और उन्होंने कपड़े को पवित्र धागा मान लिया. साथ ही, उस दिन के बाद से, भगवान कृष्ण ने किसी भी कीमत पर द्रौपदी की रक्षा करने की कसम खाई; इस तरह रक्षा बंधन का त्यौहार अस्तित्व में आया.

जब द्रौपदी संकट में आ गई और कौरवों ने उसे लज्जित करने की कोशिश की, तब भगवान कृष्ण ने अपना वादा निभाया और जब उसके परिवार से कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया, तब उन्होंने प्रकट होकर उसकी रक्षा की.

वर्षों से, राखी के त्यौहार ने हिंदू संस्कृति में एक खास स्‍थान रखता है. यह भाइयों और बहनों के बीच बंधन पर जोर देता है. साथ ही, यह त्योहार विवाहित महिलाओं के लिए अपने माता-पिता के घर लौटने और पूरे परिवार की उपस्थिति में त्योहार मनाने का एक अवसर भी है.

पिछले 10 सालों से रांची में डिजिटल मीडिया से जुड़ाव रहा है. Website Designing, Content Writing, SEO और Social Media Marketing के बदलते नए तकनीकों में दिलचस्‍पी है.

Sharing Is Caring:

Leave a Reply

%d bloggers like this: