New Delhi: पेटीएम, भारतीय फिनटेक कंपनी, ने हाल ही में अपनी पेमेंट बैंक पर आये संकट के बारे में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. इस संकट के बीच, पेटीएम और उसकी सहयोगी कंपनी, पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड, ने दोनों कंपनियों के बीच के विभिन्न समझौतों को रोकने के लिए सहमति जताई है.
पेटीएम का बड़ा फैसला
पेटीएम ने कई इंटर कंपनी एग्रीमेंट को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है. यह फैसला विनिवेशकों और बाजार के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे कंपनी की निर्भरता कम होगी. इसके साथ ही, पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस फैसले की जानकारी दी है.
समझौतों के समाप्त होने का प्रभाव
यह फैसला पेटीएम के संस्थापक, विजय शेखर शर्मा, द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर घोषित किया गया है. इसके साथ ही, कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग के माध्यम से भी इस निर्णय की जानकारी शेयर बाजार के साथ साझा की है.
शेयर बाजार में Paytm Share Price
पेटीएम की पैरेंट कंपनी के शेयरों में बढ़ोतरी की गई है, जो इस निर्णय को बाजार में सकारात्मकता के साथ स्वागत करती है. सुबह 11 बजे पेटीएम की पैरेंट कंपनी का शेयर 4.18 प्रतिशत उछलकर 420.15 रुपये पर कारोबार कर रहा है.
भारतीय रिजर्व बैंक की सख्ती
पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सख्ती का सामना किया है. आरबीआई ने 15 मार्च के बाद पीपीबीएल को ग्राहकों के खातों, वॉलेट, फास्टैग, और अन्य साधनों में नई जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया है.
पीपीबीएल की निगरानी
पेपीएल को अब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की निगरानी का सामना करना पड़ रहा है. आरबीआई ने ग्राहकों के खातों में नई जमा या टॉप-अप से रोक लगाई है.
पेटीएम के इस निर्णय से स्पष्ट होता है कि कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए कदम उठा रही है, जिससे कि यह अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सके.