Ranchi : Pegasus जासूसी कांड पर आज यानी गुरुवार को Supreme Court में सुनवाई जारी है. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच कर रही है. वहीं सुनवाई के दौरान Chief Justice एनवी रमन्ना ने कहा कि अगर रिपोर्ट सही है तो इसमें कोई शक नहीं कि आरोप गंभीर हैं .
पेगासस जासूसी मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच कर रही है. इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार एनराम और शशिकुमार, सीपीएम के Rajya Sabha सांसद जॉन ब्रिटास और वकील एमएल शर्मा ने याचिकाएं दाखिल की हैं.
सुनवाई के दौरान एन.राम और अन्य की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह स्पाइवेयर केवल सरकारी एजेंसियों को बेचा जाता है और निजी संस्थाओं को नहीं बेचा जा सकता है. एनएसओ प्रौद्योगिकी अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में शामिल है. सिब्बल ने कहा कि पेगासस एक खतरनाक तकनीक है जो हमारी जानकारी के बिना हमारे जीवन में प्रवेश करती है. इसके चलते हमारे गणतंत्र की निजता, गरिमा और मूल्यों पर हमला हुआ है.
Kapil Sibbal ने कहा कि पत्रकार, सार्वजनिक हस्तियां, संवैधानिक प्राधिकरण, अदालत के अधिकारी, शिक्षाविद सभी Spyware द्वारा प्रभावित हैं और सरकार को जवाब देना है कि इसे किसने खरीदा? हार्डवेयर कहां रखा गया था? सरकार ने प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की?
गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हैक किए गए हैं. हालांकि सरकार ने अपने स्तर पर खास लोगों की निगरानी संबंधी आरोपों को खारिज किया है. सरकार ने कहा कि इसका कोई ठोस आधार नहीं है या इससे जुड़ी कोई सच्चाई नहीं है.