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Ranchi: सोमवार को कांग्रेस भवन रांची में भी प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के सामने ही खूब हंगामा हुआ. कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में हुई तू-तू, मैं-मैं को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने पार्टी का अंदरूनी मामला बताया है. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, हर परिवार में झगड़ा होता है. कांग्रेस भी एक परिवार है, इसे ज्यादा तूल देने की जरूरत नहीं है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस जिंदा पार्टी है, आप यहां देख रहे हैं मैंने तो देश में देखा है. यह आपका विषय है भी नहीं. यह हमारा अंदरूनी मामला है.
प्रदेश अध्यक्ष ने मीडिया की उपस्थिति पर भी आपत्ति जताई कहा, हमारी मीटिंग खत्म हो जाती है तब हम आपको बुलाते हैं. लेकिन आपने नाजायज फायदा उठा लिया. हमने कहां बुलाया था आपको. ऐसा थोड़ी न है, मेरा घर है मैं न बुलाऊंगा आपको. इस प्रकरण को ले अनुशासनात्मक कार्रवाई के सवाल पर साफ कहा कि यह आपसे जुड़ा मामला नहीं है. उन्होंने कई बार दोहराया कि हर घर में लड़ाई नहीं होती है. यह हमारा परिवार है. आपको आना ही नहीं चाहिए. आपको किसने बुलाया.
झारखंड कांग्रेस मुख्यालय में हंगामा क्यों हुआ
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में सोमवार को बैठक के दौरान खूब हंगामा मचा. बैठक में महंगाई के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार की जानी थी, लेकिन वास्तविक तैयारियां कुछ और ही थी. लंबे समय से एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश में लगे दो धड़े आपस में भिड़ गए. शुरुआत एक धड़े ने की तो दूसरा धड़ा भी अड़ गया. कार्यकारी अध्यक्षों और प्रवक्ताओं की टोली ने प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के सामने ही जमकर अपनी भड़ास निकाली.
झड़प का अंदाज आक्रामक था और नौबत मारपीट तक की आ गई थी. यही वजह रही कि पार्टी विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने चुपचाप पीछे के दरवाजे से निकलने में ही अपनी भलाई समझी. हालांकि मन की भड़ास निकालने के बाद दोनों ही गुट शांत हो गए. रामेश्वर उरांव ने भी इस दौरान हस्तक्षेप किया.
पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमत के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए बुलाई गई इस बैठक के शुरू होते ही कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने सवाल उठाया कि बैठकों में जो बातें तय नहीं हो पाती, वह मीडिया तक कैसे पहुंच जाती हैं? सोमवार की बैठक का एजेंडा तय नहीं होने के बावजूद मीडिया में कैसे आ गया.
इसपर प्रवक्ता आलोक दुबे बिफर उठे और ऊंची आवाज में बोलना आरंभ कर दिया. कुछ व्यक्तिगत आरोप भी लगाए. प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के सामने ही कार्यकारी अध्यक्षों को यहां तक कह डाला कि तुम सबको उंगली पकड़कर कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है.
इतना सुनते ही कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर उठ खड़े हुए और मर्यादा में रहने की नसीहत दी. बात आगे बढ़ी तो दोनों गुट आमने-सामने आ गए और एक दूसरे की तमाम कमियों को गिनाना शुरू कर दिया. शोरगुल बढ़ा तो कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम पिछले दरवाजे से निकल लिए. दोनों ही गुटों ने कुछ देर तक आरोप-प्रत्यारोप लगाए और फिर शांत हो गए. इसके बाद बैठक की औपचारिकता पूरी की गई.
प्रदेश अध्यक्ष नहीं संभाल पा रहे गुटबाजी
झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव संगठन में गुटबाजी को नहीं संभाल पा रहे हैं. हंगामा करने वाला धड़ा उनका समर्थक है. हंगामे की वजह लंबे समय से चली आ रही खींचतान है.
बताया जाता है कि यह गुट अक्सर पार्टी लाइन से इतर मनमानी करना चाहता है. लगातार शिकायतों के बावजूद इनपर अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं होती, जिससे गुटबाजी को बढ़ावा मिल रहा है. उधर, हंगामे की शिकायत प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह को पहुंचा दी गई है. आरपीएन सिंह राज्य के दौरे के बाद सोमवार की सुबह दिल्ली के लिए रवाना हुए.