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परिवार के साथ वक्त बिताने से हमेशा ताजगी का एहसास होता है!

परिवार के साथ वक्त बिताने से हमेशा ताजगी का एहसास होता है!

हर साल 15 मई को परिवारों के साथ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के जुड़ाव का महत्व दिखाने के लिए इंटरनेशनल फैमिली डे मनाया जाता है. इस अवसर पर एण्डटीवी के कलाकार आयुध भानुशाली (कृष्णा, ‘दूसरी माँ’), योगेश त्रिपाठी (दरोगा हप्पू सिंह, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और शुभांगी अत्रे (अंगूरी, ‘भाबीजी घर पर हैं’) परिवार के साथ वक्त बिताने का महत्व बता रहे हैं.

साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि रोजाना अपनी व्यस्तता के बावजूद वे परिवार के लिये कैसे समय निकालते हैं. ‘दूसरी माँ‘ के कृष्णा, यानि आयुध भानुशाली ने बताया, ‘‘मैं एक संयुक्त परिवार से हूँ. चूंकि, मैं अपने शो ‘दूसरी माँ’ के लिये जयपुर में हूँ, इसलिये मुझे घर के प्यार से भरे माहौल की याद आती है.

उन्‍होंने बताया मुझे जब भी समय मिलता है, मैं मुंबई में अपने घर लौट जाता हूँ, ताकि परिवार के साथ समय बिता सकूं. हर किसी के जीवन में व्यस्तता है, लेकिन मैं जब भी घर जाता हूँ, सभी अपने पूरे दिन का प्लान बनाते हैं और मेरे साथ अच्छा-खासा समय बिताते है. हम साथ में खाना खाते हैं और दिनभर की घटनाओं पर बात करते हैं. हम छोटी छुट्टियाँ भी लेते हैं और कई खास यादें संजोते हैं.’’

‘हप्पू की उलटन पलटन‘ के दरोगा हप्पू सिंह, यानि योगेश त्रिपाठी ने बताया, ‘‘मेरी बातचीत खाने पर शुरू होती है और अपनी पत्नी के साथ खाना खाने से ज्यादा मजा मुझे किसी काम में नहीं आता है. सौभाग्य से मेरी पत्नी को भी यही लगता है. हम लाॅन्ग ड्राइव्स पर भी जाते हैं और खाने-पीने की नई जगहें खोजते हैं.

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उन्‍होंने कहा कि मैं शूटिंग में व्यस्त रहता हूँ, जबकि मेरी पत्नी वीकेंड का प्लान बनाती है. यह छोटी-छोटी कोशिशें व्यस्त जीवन से अंतराल लेने, सार्थक बातें करने और प्यारी यादें बनाने का हमारा तरीका हैं.’’

‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी, यानि शुभांगी अत्रे ने बताया, ‘‘अपनी बेटी के साथ वक्त बिताना हमेशा अच्छा लगता है, खासकर अगर वह टीनेजर हो! अब हमारे एक जैसे कई शौक हैं, जैसे कि हमें फिल्में देखना, संगीत सुनना और फैशन आदि सब पसंद आता है. हम उन सभी पर बात करते हैं. इसलिये मैं हमेशा डिनर का समय आने तक शूटिंग खत्म कर लेती हूँ, ताकि अपनी बेटी के साथ वक्त बिता सकूं और उसके दिन के बारे में जान सकूं. उसके साथ बात करने और उसकी कहानियाँ सुनने से ज्यादा ताजगी मुझे किसी और काम में नहीं मिलती है. उसके मूड के हिसाब से, हमारे डिनरटाइम की बातचीत काॅलेज की गपशप से लेकर मौजूदा घटनाओं तक होती है.’’

पिछले 10 सालों से रांची में डिजिटल मीडिया से जुड़ाव रहा है. Website Designing, Content Writing, SEO और Social Media Marketing के बदलते नए तकनीकों में दिलचस्‍पी है.

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