Varanasi: कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ. भारत में इन दिनों लॉकडाउन शुरू है. ऐसे में मजदूरों के दूर दूर से पैदल घरों तक बिना किसी खाने पीने की व्यवस्था के लौटने की खबरें सामने आ रही हैं. इसी क्रम में एक दिल दुःखा देनी वाली घटना सामने आई है. दरअसल यह दर्दभरी कहानी मुरकीम की है. उनकी मां की मौत बीती 25 मार्च को बनारस में हो चुकी है लेकिन वह अभी घर पहुंचने की ओर रास्ते में ही है.
इसे भी पढ़ें: लॉकडाउन की वजह से मंदी जैसे हालात
एक न्यूज एजेंसी की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, फोटो में चेक शर्ट में नजर आ रहा मुरकीम नाम का एक अपने दो दोस्तों, विवेक और प्रवीण के साथ रायपुर से यूपी के वाराणसी की ओर पैदल यात्रा कर रहा है, उसकी मां का निधन 25 मार्च को वाराणसी में हुआ था. वे 3 दिन में रायपुर से अभी कोरिया जिले के बैकुंठपुर पहुंचे हैं.
इसे भी पढ़े: मुलायम के राजनैतिक संघर्षों में साथी ‘बेनी बाबू’ नहीं रहे, पीएम मोदी ने जताया शोक
मुरकीम के एक दोस्त ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि हम लगभग 20 किलोमीटर तक चले और 2-3 लोगों से हमने रास्ते में लिफ्ट भी ली. जब हम यहां बैकुंठपुर पहुंचे तो मेडिकल शॉप के एक मालिक ने हमारी मदद की। अभी हमे और आगे जाना है.
वाकया में यह काफी दर्दनाक है. कई लोग इस लॉकडाउन से परेशान है. काम के लिए दूर-दूर से आये मजदुर जहाँ-तहाँ पड़े-पड़े अपना गुजर-बसर कर रहे है. फिर भी कोरोना जैसे महामारी को रोकना के लिए लोग तैयार है. पुणे समाचार आप सबसे अपील करता है कि कृपया इस लॉकडाउन का पालन जरूर करे.