रिसर्च रिपोर्ट के दावों पर यकीन करें तो हमारी धरती पर कभी भी बडी अनहोनी हो सकती है. कई तरह के सवाल लोगों के जेहन में आ रहे हैं. ऐसा भी मानना है कि हमारी पृथ्वी किसी बड़े बदलाव से गुजर रही है. लेकिन शुरुआती रिपोर्टों की मानें तो पृथ्वी के अंदर कुछ ऐसा हो रहा है, जिसकी पूरी जानकारी मिलना अभी बाकी है?
रिपोर्टों पर भरोसा किया जाए, तो ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पृथ्वी के आंतरिक कोर (inner core) ने बाकी ग्रह की तरह उसी समान दिशा में घूमना बंद कर दिया है.
एक रिसर्च स्टडी में कहा गया है कि पृथ्वी का इनर-कोर रोटेशन रुका हुआ है. साल 2009 में इसमें एक हॉल्ट देखा गया और फिर यह आश्चर्यजनक रूप से विपरीत दिशा में मुड़ गया. रिसर्चर्स लंबे समय से यह मानते आ रहे हैं कि पृथ्वी का आंतरिक कोर रोटेट होता है.
पृथ्वी का आंतरिक कोर घूमता है
रिपोर्टों में बताया गया है कि पृथ्वी का निर्माण क्रस्ट, मेंटल और कोर परतों से मिलकर हुआ है. पृथ्वी के केंद्र में स्थित आंतरिक कोर को साल 1936 में पहली बार पहचाना गया था. यह पृथ्वी की सतह से 5 हजार किलोमीटर नीचे बताया जाता है, जिसकी चौड़ाई करीब 7 हजार किलोमीटर है.
नेचर जियोसाइंस मैगजीन में पब्लिश शोध में इस बारे में बात की गई है. शोध में पिछले 6 दशकों के भूकंपों की भूकंपीय तरंगों का विश्लेषण किया गया. चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी के शियाओडोंग सॉन्ग और यी यांग द्वारा किए गए इस अध्ययन में आंतरिक कोर की गतिविधियों को ट्रैक किया गया.
पृथ्वी का कोर साल 2009 में घूमना बंद कर दिया
स्टडी करने वाले इन लेखकों का कहना है कि पृथ्वी के आंतरिक कोर का घूर्णन साल 2009 के आसपास रुक गया और फिर विपरीत दिशा में मुड़ गया. इन रिसर्चर्स ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि उनका मानना है कि पृथ्वी का आंतरिक कोर रोटेट करता है. यह पृथ्वी की सतह के सापेक्ष आगे और पीछे एक झूले की तरह रोटेट होता है. रिसर्चर्स का कहना है कि इस रोटेशन का एक चक्र करीब सात दशक का होता है.
इसका मतलब है कि यह हर 35 साल बाद दिशा बदलता है. रिसर्चर्स को लगता है कि पृथ्वी के आंतरिक कोर ने 1970 के दशक की शुरुआत में अपनी दिशा बदली और 2040 के मध्य में फिर से ऐसा हो सकता है.