Ranchi: सीएम हेमंत सोरेन खनन लीज मामले में चुनाव आयोग द्वारा राज्यपाल को दिये मंतव्य की जानकारी के लिए झारखंड राज्य सूचना अयोग के द्वितीय अपील करने की तैयारी चल रही है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मामले में चुनाव आयोग द्वारा दिये गए मंतव्य की कॉपी राज्यपाल के पास है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कॉपी की जानकारी लेने के लिए सूचना अधिकार अधिनियम 2005 का सहारा लिया था.
आरटीआई आवेदनकर्ता विनोद पांडे को राजभवन से कोई सूचना नहीं मिली. लेकिन इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े मामले की जानकारी के लिए एक और आवेदन राजभवन के पीआईओ के पास दिया गया. उसका जवाब आ गया है.
विभागीय सूचना नहीं मिलने पर किया प्रथम अपील
गुमला के आनंद कुमार पंडा ने आरटीआई के तहत राजभवन से सूचना मांगी थी. खनन लीज मामले से जुड़ा भारत निर्वाचन आयोग की चिट्ठी की कॉपी राज्यपाल सचिवालय के पीआईओ ने तय समय पर सूचना नहीं दिया.
तब आनंद किशोर पंडा प्रथम अपीलीय प्राधिकार में आवेदन दिया और आग्रह किया कि विभागीय अपील दाय में रोकी गई सूचना दिलायी जाये. उन्होंने 15 सितंबर को प्रथम अपील के लिए आवेदन दिया था. अब इसका जवाब आ गया है.
19 नवंबर को राजभवन के पीआईओ से आनंद किशोर पंडा के पास जवाब आया. इसमें कहा गया कि ये सूचना आरटीआई एक्ट की धारा 8(i)(j) के तहत छूट की श्रेणी में है जो सूचना देय नहीं है.
आवेदनकर्ता आनंद किशोर पंडा का कहना है कि मेरा आरटीआई आवेदन का अंतिम कंडिका में यह उल्लेख कर दिया था कि यह आम जनता से जुड़ा एक सार्वजनिक सूचना है. इसलिए उन्हें जानकारी दी जानी चाहिए.

पीआईओ के जवाब से संतुष्ट नहीं, द्वितीय अपील में जाएंगे
आनंद किशोर पंडा राजभवन के पीआईओ के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं. अब वह द्वितीय अपील करेंगे. इसमें वह झारखंड राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील में बतायेंगे कि मांगी गई सूचना झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से जुड़ा हुआ खनन लीज से सम्बंधित भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा राज्यपाल के पास भेजा गया पत्र है, जो एक सार्वजनिक सूचनाएं हैं.
यह आरटीआई एक्ट 2005 की धारा -8 या 9 के अंतर्गत छूट की श्रेणी में नहीं है. यहां सुनवाई में आनंद किशोर पंडा तथ्यों के साथ अपनी बात मजबूती से रखेंगे.
कौन करता है सूचना आयुक्तों की नियुक्ति
राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति झारखंड सरकार करती है. सरकार के कार्मिक विभाग ने विधानसभा सत्र में एक सवाल के जवाब में जानकारी दी कि कार्मिक की ओऱ से सदन में बताया गया था कि राज्य सूचना आयोग में आयुक्तों की नियुक्ति के लिए 4 बार विज्ञापन जारी हुए थे. वर्ष 2017 (11-03-2017) में जारी निज्ञापन के अनुसार आयुक्त के एकल पद के लिए विज्ञापन जारी हुआ था. इसके बाद 2019 (27-02-2019, विज्ञापन सं-01/2019) में इसे जारी किया गया.
इसके बाद 21-10-2019 को फिर से यह जारी हुआ. 14-11-2019 को एक विज्ञप्ति जारी कर पुराने सभी विज्ञापनों को रद्द कर दिया गया था.
अंततः वर्ष 2020 में (03-01-2020) नये सिरे से एक मुख्य सूचना आयुक्त और 5 सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन जारी किया गया था.
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