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Schools Open in Jharkhand: झारखंड में 17 दिसंबर से स्कूल खुल जाएंगे. सरकारी निर्देश के अनुसार स्कूलों में फिलहाल 10वीं से 12वीं के कक्षाएं होंगी. स्कूल खोलने पर निर्णय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में लिया गया था.
10वीं से नीचे की कक्षाओं के लिए पहले की तरह ही ऑनलाइन कक्षाएं चलती रहेंगी. वहीं कोचिंग संस्थानों को खोलने पर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है. जबकि मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग कॉलेज समेत अन्य सभी प्रकार के सरकारी प्रशिक्षण संस्थान खोलने पर प्राधिकार ने रजामंदी दे दी गई.
झारखंड सरकार से अनुमति के बाद अब 17 दिसंबर से 10 वीं और 12 वीं की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी. इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक जटाशंकर चौधरी ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया है. इसमें सरकारी स्कूलों के सभी शिक्षकों का आना अनिवार्य किया गया है. इससे पहले दो शिक्षकों को ही स्कूल आने की अनुमति थी.

माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने यह आदेश गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के आदेश के आलोक में जारी किया है. हालांकि आदेश में यह कहीं नहीं स्पष्ट किया गया है कि स्कूलों में बच्चे आएंगे या नहीं. इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग के विस्तृत निर्देश का इंतजार किया जा रहा है.
बता दें कि निदेशालय के स्तर से सात मई को जारी आदेश में सरकारी विद्यालयों के कार्यालय संचालन के लिए कम से कम दो शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य संपादित करने के लिए निर्देशित किया गया था. अब पूर्व के निर्देश को रद कर सभी शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य की गई है.
स्कूलों में नहीं होगी प्रार्थना सभा, न ही खेलकूद या अन्य आयोजन
स्कूलों के खुलने पर कोरोना से बचाव को लेकर पहले से ही मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) जारी कर दी गई हैं. यूनिसेफ के सहयोग से झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा जारी एसओपी के अनुसार स्कूलों में शारीरिक दूरी के नियमों का पालन सख्ती से किया जाएगा तथा बच्चों, शिक्षकों एवं अन्य कर्मियों को मास्क, ग्लव्स आदि पहनना अनिवार्य होगा. स्कूलों में प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं होगा. न ही खेलकूद या कोई अन्य आयोजन ही होंगे. शिक्षकों, बच्चों, विद्यालय प्रबंध समितियां, सभी के लिए अलग-अलग मानक प्रक्रियाएं तय की गई हैं.
स्कूल खोलने के लिए झारखंड सरकार की एसओपी
कक्षाओं, पेयजल स्रोत, शौचालय, हैंड वाशिंग यूनिट आदि की लगातार सफाई की जाएगी.
वैसी सतहों जिन्हें बार-बार छुआ जाता है जैसे, रेलिंग, खिड़की, दरवाजा आदि को नियमित रूप से सैनिटाइज किया जाएगा.
विद्यालयों में साबुन एवं हाथ धोने के पानी की सुविधा उपलब्ध रहेगी.
शत-प्रतिशत उपस्थिति या आदर्श उपस्थिति को लेकर पुरस्कार को प्रोत्साहित नहीं किया जाएगा.
बच्चों में कोरोना के लक्षण होने पर स्कूल आने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
बच्चे नियमित रूप से साबुन से हाथ धोएंगे तथा अपनी आंख, नाक, मुंह आदि छूने से बचेंगे.
बच्चे खांसी, बुखार या अन्य कोई तकलीफ होने पर तुरंत शिक्षक को जानकारी देंगे.