Ranchi: सरना धर्म कोड को लेकर झारखंड में आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. 21 दिसंबर को जनता दल युनाइटेड के साथ कई आदिवासी संगठनों में आदिवासियों के लिए अलग धर्मकोड को मान्यिता देने के लिए राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन किया.
इसके पहले झारखंड विधानसभा में सरना धर्म कोड को पारित कराने के लिए बड़े स्तंर पर आंदोलन किया गया था. उसी के बाद हेमंत सोरेन की सरकार ने झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सरना कोड के प्रस्ताव को पारित कर केंद्र सरकार के पास भेज दिया है.
अब आदिवासी आदिवासी समुदाय चाहता है कि भारत की जनगणना 2021 की प्रक्रिया शुरू होने के पहले केद्र सरकार सरना धरम कोड को मान्यीता दे और जनगणना के कॉलम में सरना धर्मकोड को शामिल करे.
आंदोलन कर रहे संगठनों ने अपनी मांग का ज्ञापन राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. संगठन के लोगों ने केंद्र सरकार को सरना आदिवासी धर्म कोड के प्रस्ताव को पास करने को लेकर 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है. इस अवधि में मांग पूरी नहीं की जाती है तो आगामी 31 जनवरी को रेल, रोड चक्का जाम करने की चेतावनी दी गई है.
आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि सरना धर्म कोड की मांग बहुत दिनों से लंबित है। इसे हार-हाल में लागू होना चाहिए.