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सहारा श्री सुब्रत राय का 75 वर्ष की उम्र में निधन

सहारा श्री सुब्रत राय का 75 वर्ष की उम्र में निधन

Sahara Shri Subrata Roy passes away: सहारा श्री सुब्रत रॉय का निधन हो गया है. वे 75 साल के थे. सहारा श्री लंबे समय से बीमार थे. मुंबई के निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. डॉक्टर के तमाम प्रयासों के बावजूद सहारा श्री को नहीं बचाया जा सका और आज उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली.

जानकारी के मुताबिक सुब्रत रॉय के पार्थिव शरीर को कल लखनऊ लाया जाएगा.

सुब्रत राय की जीवनी

मूल रूप से बिहार के रहने वाले सहारा श्री सुब्रत राय का जन्म 10 जून 1948 को हुआ था. उन्होंने 1978 में सहारा इंडिया परिवार की शुरुआत की थी. इसके बाद विभिन्न क्षेत्रों में सफलता का परचम लहराया था. लेकिन पिछले डेढ़ दशक से सहारा श्री विवादों से जूझ रहे थे.

प्रारंभिक जीवन

सुब्रत राय ने कोलकाता के होली चाइल्ड स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद राजकीय तकनीकी संस्थान गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया.

करियर

उन्होंने 1978 में गोरखपुर से अपना व्यवसाय शुरू किया. शुरुआत में, उन्होंने एक छोटी सी कंपनी शुरू की जो टाइपराइटर और कैलकुलेटर बेचती थी. हालांकि, उन्होंने जल्द ही अपनी कंपनी का विस्तार किया और कई अन्य व्यवसायों में प्रवेश किया.

व्‍यवसाय

1992 में, उन्होंने सहारा इंडिया परिवार की स्थापना की. सहारा इंडिया परिवार एक बहुराष्ट्रीय समूह है जो वित्त, मीडिया, रियल एस्टेट, मनोरंजन और अन्य क्षेत्रों में काम करता है. सहारा इंडिया परिवार भारत के सबसे बड़े निजी समूहों में से एक है.

उपलब्धियां और सम्‍मान

सुब्रत राय को भारत के सबसे सफल व्यवसायियों में से एक माना जाता है. उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिसमें पद्म विभूषण, भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान शामिल है.

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सुब्रत रॉय के योगदान और सफलता

सुब्रत रॉय के योगदान और सफलता निम्नलिखित हैं:

  • व्यावसायिक क्षेत्र में: सुब्रत रॉय ने एक छोटी सी कंपनी से शुरुआत करके सहारा इंडिया परिवार को एक विशाल समूह में बदल दिया. उन्होंने कई नए व्यवसायों की शुरुआत की और भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
  • सामाजिक क्षेत्र में: सुब्रत रॉय सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं. उन्होंने कई गैर-सरकारी संगठनों की स्थापना की है जो शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक क्षेत्रों में काम करते हैं.
  • खेल क्षेत्र में: सुब्रत रॉय खेलों के भी बड़े समर्थक हैं. उन्होंने कई खेल आयोजनों का आयोजन किया है और भारतीय खेलों को बढ़ावा देने के लिए काम किया है.

सुब्रत रॉय को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिसमें पद्म विभूषण, भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान शामिल है. उन्हें “सहाराश्री” के नाम से भी जाना जाता है.

सुब्रत रॉय की सफलता के कुछ प्रमुख कारक हैं:

  • उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत: सुब्रत रॉय हमेशा सफल होने के लिए दृढ़ संकल्पित रहे हैं. उन्होंने कड़ी मेहनत की है और कभी हार नहीं मानी है.
  • उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व क्षमता: सुब्रत रॉय एक दूरदर्शी व्यक्ति हैं. उन्होंने हमेशा भविष्य में क्या हो सकता है, इस पर विचार किया है. उन्होंने सहारा इंडिया परिवार को एक बहुराष्ट्रीय समूह में बदलने के लिए अपनी नेतृत्व क्षमता का इस्तेमाल किया है.
  • उनका सामाजिक जागरूकता: सुब्रत रॉय एक सामाजिक जागरूक व्यक्ति हैं. उन्होंने हमेशा समाज के लिए कुछ अच्छा करने की कोशिश की है. उन्होंने कई गैर-सरकारी संगठनों की स्थापना की है जो शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक क्षेत्रों में काम करते हैं.
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सुब्रत रॉय एक प्रेरणादायक व्यक्ति हैं. उन्होंने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी है. उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, दूरदर्शिता और नेतृत्व क्षमता से सफलता हासिल की है.

सुब्रत राय पर वित्‍तीय घोटाले का आरोप

सुब्रत राय पर वित्तीय घोटाले के कई आरोप लगे. इन आरोपों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • सहारा इंडिया परिवार ने गैर-कानूनी रूप से निवेशकों से पैसे जुटाए. सहारा इंडिया परिवार ने छोटी बचत योजनाओं (एसआईपी) के नाम पर निवेशकों से पैसे जुटाए. हालांकि, इन योजनाओं को भारतीय कानून के तहत पंजीकृत नहीं किया गया था.
  • सहारा इंडिया परिवार ने निवेशकों से जुटाए गए पैसे का उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए किया. सहारा इंडिया परिवार ने निवेशकों से जुटाए गए पैसे का उपयोग अपनी अन्य व्यावसायिक गतिविधियों और व्यक्तिगत खर्चों के लिए किया.
  • सहारा इंडिया परिवार ने निवेशकों को उनके पैसे वापस करने में विफल रहा. सहारा इंडिया परिवार ने निवेशकों को उनके पैसे वापस करने में विफल रहा है.

सुब्रत राय पर इन आरोपों के आधार पर कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए. उन्हें 2013 में गिरफ्तार किया गया था और 2016 तक जेल में रहे. उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था, लेकिन उन्हें अभी भी सहारा इंडिया परिवार के लेनदारों को पैसे वापस करने के लिए 62,600 करोड़ रुपये का भुगतान करना है.

सुब्रत राय ने इन आरोपों से इनकार किया. उन्होंने कहा कि सहारा इंडिया परिवार ने निवेशकों के साथ ईमानदारी से पेश आया है और उन्हें उनके पैसे वापस किए जाएंगे.

सुब्रत राय पर लगे वित्तीय घोटाले के आरोप भारत की अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली के लिए एक गंभीर चिंता का विषय हैं. इन आरोपों से भारत की वित्तीय प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठे.

पिछले 10 सालों से रांची में डिजिटल मीडिया से जुड़ाव रहा है. Website Designing, Content Writing, SEO और Social Media Marketing के बदलते नए तकनीकों में दिलचस्‍पी है.

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