New Delhi: नए कृषि कानूनों के समर्थन में युवाओं को जोड़ने के लिए आरएसएस भी मैदान में उतर गया है. संघ ने युवा कार्यकर्ताओं से अपील की है कि नए कानूनों के समर्थन में वे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक्टिव रहें और विरोधियों को जवाब दें. वहीं रैप सॉन्ग और नुक्कड़ नाटकों की मदद से लोगों को बताएं कि कानून से क्या फायदे हैं.
परंपरागत खेलों और संस्कृति को बढ़ावा देने वाला राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अब युवाओं को जोड़ने के लिए रैप सॉन्ग, सोशल मीडिया प्लेटफार्म और शार्ट फिल्मों का सहारा लेने जा रहा है.
मीडिया की खबरों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि नए कृषि कानूनों को लेकर देशभर में भ्रम फैलाया जा रहा है. इसके अलावा कई संगठन इसकी आड़ में देश को बांटने का काम भी कर रहे हैं. नए कृषि कानून क्या हैं और ये किसानों के लिए कैसे फायदेमंद हैं, इसे बताने के लिए हम इन माध्यमों का सहारा ले रहे हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन भारतीय किसान संघ के महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने एक अखबार को बताया कि आगामी दो से तीन दिन बाद संगठन के सदस्यों की बैठक होगी. इसमें आगे की रणनीति को लेकर विचार विमर्श किया जाएगा. किसान संगठनों के देशभर में प्रदर्शन के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, अब ये किसान आंदोलन नहीं रहा है. ये पूरी तरह से राजनीतिक आंदोलन हो गया है. देश विरोधी ताकतें इस आंदोलन को चला रही हैं. किसान नेता इन लोगों की साजिश के शिकार होते जा रहे हैं.
गौरतलब है, हाल ही में आरएसएस के एक लाख कार्यकर्ताओं ने देश के 50 हजार गांवों में पहुंचकर किसानों को नए कृषि कानूनों के फायदे गिनाए थे. इस दौरान दो-दो कार्यकर्ताओं ने एक ग्राम समितियों में जाकर नए कानूनों की जानकारी लोगों को दी थी.