New Delhi: प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक धोखाधड़ी के एक मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत 21.19 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त की है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने बैंक धोखाधड़ी के मामले में 21.19 करोड़ की संपत्ति जब्त किया है, जिसमें 9.37 करोड़ रुपये बैंक बैलेंस और मैसर्स एआरएसएस दमोह-हीरापुर टोल प्राइवेट लिमिटेड की 11.82 करोड़ की अचल-संपत्ति शामिल है.
भुवनेश्वर के बैंक ऑफ इंडिया में 22.42 करोड़ रुपये की गड़बड़ी
ईडी ने गुरुवार को जारी बयान में बताया कि पीएमएलए एक्ट के तहत मैसर्स एआरएसएस दामोह-हीरापुर टोल्स प्राइवेट लिमिटेड, एआर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, अनिल कॉन्ट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशकों की कुल 21.19 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति को जब्त किया गया है.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि ओडिशा के भुवनेश्वर में बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) में 22.42 करोड़ रुपये की गड़बड़ी हुई थी. इस मामले में जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है.
प्रवर्तन निदेशालय के बारे में
उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन एक विशेष वित्तीय केंद्रीय जांच एजेंसी है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है. प्रवर्तन निदेशक इस जांच एजेंसी के प्रमुख होता है. इसके पांच क्षेत्रीय कार्यालय मुंबई, चेन्नई, चंडीगढ़, कोलकाता और दिल्ली में स्थित है. इसका काम भारतीय संसद द्वारा पारित धन-शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत काले धन को सफेद करने से रोकना और वित्तीय गड़बड़ी के खिलाफ कार्रवाई करना है. अभी तक इस अधिनियम में साल 2005, 2009 और 2012 में संशोधन किए गए हैंण्