पहला परीक्षा कानून झारखंड में लागू
झारखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार को रोकने के लिए नए कानून की घोषणा की गई है. झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) ने 21 जनवरी को होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा के लिए इस कानून का प्रारम्भ किया है, ताकि अभ्यर्थियों को सतर्क किया जा सके और किसी भी प्रकार की दलाली से बचा जा सके.
परीक्षा का समय और तारीख
इस प्रतियोगिता की प्रारंभिक परीक्षा दो पालियों में होगी – पूर्वाह्न 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक और अपराह्न दो बजे से शाम चार बजे तक. अभ्यर्थियों को सर्वश्रेष्ठ तैयारी के साथ इस परीक्षा के लिए तैयार होना होगा.
10 साल तक जेल की सजा, 10 करोड़ जुर्माना
JPSC के अनुसार, झारखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार को रोकने के लिए राज्य स्तर पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की गई है. इस कानून के तहत, कदाचार करने वाले अभ्यर्थियों को तीन वर्ष से लेकर दस वर्ष तक का कारावास और पांच लाख से लेकर 10 करोड़ तक का जुर्माना हो सकता है.
प्रावधानों की सुरक्षा
परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों की जांच के लिए प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर फ्रिस्किंग और मेटल डिटेक्टर का प्रयोग होगा. अनुचित सामग्री और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को लेकर कोई भी कमी होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
नई तकनीक का प्रयोग
परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे और जैमर का प्रयोग भी किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार के अवैध संचार को रोका जा सके. फेस रिकॉगनिशन और आयरिश डिटेक्शन के यंत्र भी लगाए गए हैं ताकि सत्यापित अभ्यर्थी ही परीक्षा में बैठ सकें.
नजर रखी जा रही गतिविधियाँ
सीसीटीवी कैमरों को आयोग के कंट्रोल रूम से सीधे जोड़ा गया है ताकि सभी कक्षाओं की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जा सके. इसके लिए इंटरनेट प्रोटोकाल के माध्यम से निर्देशों का रियल-टाइम आदान-प्रदान किया जाएगा ताकि कोई भी व्यवधान न उत्पन्न हो.
इस नए कानून से नकल-मकल के आसपास घूमने वाले दलालों को भी एक ठोस संदेश मिला है कि अब वे अपनी धंधे में नहीं घुसेंगे. झारखंड के युवा पीढ़ी को यह एक और कदम है जो न्याय से दूर दलाली के खिलाफ उत्तरदाताओं की सुरक्षा में बढ़ावा करेगा.