आज झारखंड के पत्रकार साथी एक साथ अपने घरों, कार्यस्थल और अस्पताल से अपने हक के लिए एक मंच पर आंदोलन कर रहे हैं… पिछले कुछ महीनों में कोरोना संक्रमण से झारखंड के दो दर्जन पत्रकार साथियों की मौत हो गई है.

कोरोनाकाल के लॉकडाउन में जब सभी लोग अपने घरों में सुरक्षित हैं, पत्रकार अपनी मौत की परवाह किये बिना आप लोगों तक खबरों के साथ जरूरी सूचनाएं पहुंचाने में जुटे हुए हैं. ऐसे में मीडिया समूहों, सरकार और सामाजिक संगठनों को क्या पत्रकार हित के लिए कुछ नहीं करना चाहिए. ताकि पत्रकारों का हौसला बना रहे… आप अपनी राय इस पोस्ट के कमेंट सेक्शन पर जाकर जरूर दें…