New Delhi: रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) और BP ने शुक्रवार को R Cluster में गैस उत्पादन शुरू करने के बारे में जानकारी दी है. यह एशिया में सबसे गहरे पानी के प्रोजेक्ट में से एक है. साल 2023 तक भारत की कुल खपत की करीब 15 फीसदी गैस यहीं से प्राप्त की जा सकेगी. इसके साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज और ब्रिटेन की इस दिग्गज कंपनी (BP) ने भारत के पूर्वी तट पर KG-D6 ब्लॉक में आर क्लस्टर और अल्ट्राडीप वाटर गैस के जरिए उत्पादन का ऐलान किया है.
KG D6 ब्लॉक में तीन तरह के प्रोजेक्ट पर चल रहा काम
दोनों कंपनियां तीन तरह के प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं. R क्लस्टर उन्हीं में से एक है. रिलायंस और बीपी, दोनों कंपनियां गहरे पानी में गैस प्रोजेक्ट को विकसित करने के क्षेत्र में काम कर रही हैं. KG D6 में यह प्रोजेक्ट R Cluster, Satellites Cluster और MJ हैं. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सैटेलाइट क्लस्टर अगला प्रोजेक्ट होगा, जिसे 2021 में शुरू किया जा सकता है.
इन प्रोजेक्ट्स को विकसित करने के लिए KG D6 ब्लॉक में मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया जाएगा. मुकेश अंबानी की स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ही KG D6 ब्लॉक को ऑपरेट करती है. इसमें 66.67 फीसदी हिस्सेदारी RIL की और 33.33 फीसदी हिस्सेदारी बीपी की है. आर क्लस्टर की दूरी काकिनाडा तट की ओर मौजूदा KG D6 Control & Riser Platform (CRP) से 60 किलोमीटर है.
R क्लस्टर में उत्पादन शुरू किए जाने को लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, ‘हम बीपी के साथ अपनी पार्टनरशिप को लेकर गर्व करते हैं, जिसमें हम एक साथ मिलकर अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल गैस प्रोजेक्ट के लिए कर रहे हैं. भौगोलिक और जलवायु के दृष्टिकोण से ये बेहद चुनौतीपूर्ण है. भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिहाज से भी यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. इससे साफ और हरित गैस वाली अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी. कृष्णा गोदावरी बेसिन में डीप-वॉटर इन्फ्रास्ट्रक्चर के जरिए हम गैस उत्पादन पर काम कर रहे हैं ताकि देश में साफ ऊर्जा की जरूरत को पूरा किया जा सके.’
बीपी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बर्नार्ड लूनी ने कहा, ‘यह शुरुआत रिलायंस के साथ हमारे साझेदारी की संभावनाओं की ओर एक कदम है. दोनों कंपनियां अपनी विशेषज्ञता की मदद से भारत में ऊर्जा की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने में मदद कर रही हैं. भारत में सुरक्षित ऊर्जा की मांग बढ़ रही है और इसे पूरा करने के लिए KG D6 का यह नया प्रोजेक्ट मदद करेगा. साथ ही भविष्य में देश के ऊर्जा जरूरतों के लिए भी एक बेहतर विकल्प तैयार करने में मदद करेगा.’