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छठ में रांची के सबसे साफ तालाब और खतरनाक छठ घाट

Chhath Puja in Ranchi: नेम-निष्ठा के महापर्व छठ पूजा की शुरूआत शुक्रवार को नहाय-खाय से होगी. चार दिवसीय सूर्य उपासना के महापर्व को सफल बनाने में निगम-प्रशासन जी जान से जुटा है. शहर में स्थित 72 घाटों सहित कुल 100 छठ घाटों को तैयार करने का काम अंतिम चरण में है.

सबसे साफ तालाब

इसके अलावा 50 से अधिक कृत्रिम तालाब विभिन्न मुहल्लों व कॉलोनियों में बनाए जा रहे हैं. इस बार छठ व्रतियों को सबसे साफ पानी हटिया डैम और राजभवन के सामने स्थित हटनिया तालाब में मिलेगा.

छठ के लिए सबसे अच्‍छा तालाब

धुर्वा पुराना विधानसभा परिसर से आगे शालीमार तालाब एकलौता ऐसा तालाब है जहां एक ही जगह पर एक दर्जन तालाव है. मछली पालन के लिए बने इन तालाबों का पानी भी साफ़ है. इसलिए यहां व्रतियों की अधिक भीड़ उमड़ती है. यहां आने वाले व्रतियों को अपने वाहन शहीद मैदान में लगाना होगा.

महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम का इंतजाम

निगम प्रशासक अमीत कुमार ने शहर के सभी छठ घाटों सहित वहां के पहुंच पथ को दुरुस्त करने का निर्देश दिया है. प्रमुख छठ घाटों पर महिला व्रतियों के लिए चेंजिंग रूम भी बनाने का निर्देश दिया गया है.

वाहन पार्किंग को लेकर निर्देश

इस बार छठ घाटों तक वाहन से नहीं जा पाएंगे. छठ पूजा समितियों की मांग पर प्रशासन ने घाट से पहले ही वाहनों के लिए पार्किंग बनाने का निर्देश दिया है. लेकिन कुछ घाट ऐसे हैं जहां 200 से 500 मीटर की दूरी में वाहनों को पार्क करके घाट तक जाया जा सकता है.

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जुमार नदी जाने वाले श्रद्धालु अपने वाहन को जुमार नदी पुल से पहले रोड के दोनों ओर खाली जगह पर पार्क कर सकेंगे. कांके डैम जाने वाले श्रद्धालु कांके रोड और डैम साइड के पीछे वाले हिस्से में वाहनों को पार्क करके घाट पर जा सकेंगे. धुर्वा डैम फाटक के सामने वाले हिस्से में अर्घ्य देने वाले व्रतियों के वाहन डैम से 100 मीटर तक जाएंगे.

सुरक्षा इंतजाम

100 मजिस्ट्रेट, 1500 पुलिसबल होंगे तैनात छठ घाटों व विभिन्न स्थानों पर 100 से अधिक मजिस्ट्रेट व 1500 से अधिक पुलिसबलों को तैनात किया जाएगा। सादे लिबास में महिला पुलिसकर्मी तैनात रहेंगी। निगम ने कंट्रोल रूम बनाया है।

रांची के खतरनाक छठ घाट

चडरी और बड़ा तालाब में सीढ़ी के नीचे गहरा गड्ढा है. कांके डैम में भी सीढ़ी के नीचे गहराई अधिक है. इसलिए ये घाट खतरनाक की श्रेणी में है. इन घाटों पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है. इसलिए प्रशासन द्वारा ऐसे खतरनाक घाटों पर गहराई से पहले बैरिकेडिंग कराई जा रही है, ताकि श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से रोका जा सके.

सूखे तालाबों में वोरवेल से भरा जा रहा पानी

इस बार मानसून में कम बारिश होने और कंक्रीट से तालाव को घेरने की वजह से तालाब सूख गया है. यहां पानी नहीं होने से नायक तालाब छठ पूजा समिति के सदस्य मायूस हैं, लेकिन उन्होंने तालाब में पानी भरने का जुगाड़ निकाल लिया है. रोजाना करीब सात घंटे मोटर चलाकर वोरवेल से पानी भरकर तालाब में डाला जा रहा है.

रांची के बदहाल तालाब

बड़ा तालाब, चडरी तालाव की सीढ़ी की मरम्मत की जा रही है. इसके अलावा अरगोड़ा तालाव, जेल तालाब, स्वर्णरेखा नदी केतारी बागान घाट की स्थिति सुधारने पर करीब 40 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं. लेकिन ये तीनों घाट पूजा तक तैयार नहीं होंगे. घाट पर पहले से बनी सीढ़ियों पर ही श्रद्धालुओं को खड़ा होना होगा.

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बड़ा तालाब, कांके डैम, चुटिया स्थित पॉवर हाउस तालाब, बनस तालाब, जोड़ा तालाब, रिम्स तालाब में पानी तो है लेकिन इसका रंग हरा है. पानी साफ करने के लिए ब्लीचिंग पाउडर और चूना डाला जा रहा है.

पिछले 10 सालों से रांची में डिजिटल मीडिया से जुड़ाव रहा है. Website Designing, Content Writing, SEO और Social Media Marketing के बदलते नए तकनीकों में दिलचस्‍पी है.

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