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Ranchi: लॉकडाउन में रांची के रहने वाले अभिजीत भौमिक बेज़ुबान जानवरों के लिए एक मसीहा बनकर उभरे हैं. वह कई वर्ष से निःस्वार्थ भाव से लावारिस जानवरों की हर तरह से सेवा कर रहे हैं. इधर लॉकडाउन के दौरान अभिजीत का काम बढ़ गया है. शहर और गांव की सड़कें विरान होने के बाद आवारा कुत्तों पर ज्यादा असर पड़ा है. बाजार और फूड स्टॉल के बचे खाना पर निर्भर रहने वाले इन जानवरों के लिए अभिजीत अपनी छोटी से टीम की मदद से दो वक्त का भोजन पहुंचा रहे हैं. इस बीच वो बीमार जानवरों के लिए जरूरी इलाज और दवाइयां का भी प्रबंध करते हैं.
रोजाना सैकड़ों बेजुबान जानवर अभिमित का करते हैं इंतजार
अभिजीत भौमिक बताते है की वह रोजाना सैकड़ों बेजुबान जानवरों को भोजन कराते हैं, साथ ही उनके स्वास्थ्य जांच भी करवाते हैं और उचित दवाईयां भी देते है. रांची शहर में मोरहाबादी, धुर्वा, हरमू जैसे ऐसे खास प्वाइंट हैं जहां एक तय समय पर स्ट्रीट डॉग अभिजीत का इंतजार करते हैं. इन्हें पता होता है कि अब अभिजीत आएंगे और खाना खिलाएंगे.
पूछने पर कि इतने जानवरों को खाना खिलाने के लिये पैसे का इंतजाम कहां से हो पाता है, तो इस संदर्भ में अभिजीत ने बताया कि कुछ साथी इस कार्य में मेरी मदद करते है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये भी मुझे इस कार्य के लिए आर्थिक मदद लोग करते है.

अभिमित कहते है, जब आप निःस्वार्थ भाव से कुछ अच्छा करना चाहते है तो कहीं ना कहीं ईश्वरीय मदद भी मिल जाती है.
लॉकडाउन में सरकार द्वारा बेज़ुबानो के लिए नहीं की गयी है कोई भी व्यवस्था
सरकार द्वारा लॉकडाउन में इन बेज़ुबानों के भरन पोषण लिए कोई व्यवस्था नहीं की गयी है, जो निंदनीय है. कोई सामाजिक संस्था भी इन बेजुबानों के लिए आगे नहीं आते है, क्योंकि उन्हें इस कार्य मे मीडिया पब्लिसिटी नहीं मिल पाएगी, जितना इस धरती पर रहने का हक हम इंसानो का है, उतना ही अधिकार इन बेज़ुबानों का भी है.
बेज़ुबान जानवरों के लिए अपील
अभिजीत भौमिक ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर हर घर से दो रोटी इन बेज़ुबानों के लिए बनाया जाये तो यक़ीनन कोई जानवर भी भूख से नहीं मरेगा, अगर आप इन पर रहम करोगे तो ऊपर वाला आप पर भी रहम करेगा. सभी इस प्रकृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसका संतुलन बनाए रखने के लिए धरती पर इन जानवरों का होना भी जरूरी है.