Ranchi Rath Yatra: धुर्वा स्थित जगन्नाथपुर में रथयात्रा के एक दिन पहले सोमवार को भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र ने 15 दिन के एकांतवास के बाद भक्तों ने दर्शन किया. रात 9 बजे तक भक्तों की भीड लगी रही. पूरा मंदिर परिसर जगन्नाथ स्वामी के जयकारों से गूंजता रहा.
शाम 5 ब जे रथयात्रा मौसीबाडी के लिए रवाना होगी
मंगलवार की सुबह 5 बजे से जगन्नाथ स्वामी का दर्शन शुरू हो गया है. यह दोपहर दो बजे तक जारी रहेगा. 2:30 बजे विग्रहों को रथारूढ कराया जाएगा और 3 बजे तक श्रृंगार होगा. दोपहर 3 बजे से 4 जे तक श्री विष्णु सहस्रानाम पूजा होगी. भक्त शाम 5:01 बजे धर्मरथ मौसीबाडी लेकर जाएंगे.
मुख्य पुजारी रामेश्वर पाढी ने कहा कि 4 जून को भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा थी. स्नान के बाद वे बीमार हो गए और एकांतवास चले गए. जबकि इस दौरान उनका श्रृंगार चल रहा था. इस दौरान किसी आम जनता या पुजारी का जाना मना था.
मुख्य पुजार ने बताया कि नेत्रदान मंदिर के गर्भगृह में ही होता है. सिर्फ पुजारी रहते हैं. नेत्रदान के बाद मंदिर का दरवाजा खोला गया. जो महिला साडी में और जो पुरूष धोती में थे, उन्हें ही दर्शन मंडप में भगवान की पूजा करने की इजाजत थी.
आज रथ यात्रा में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल मौजूद रहेंगे.
मंदिर परिसर में दान-दक्षिणा के लिए जगह-जगह क्यूआर कोड लगाए गए हैं. श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर समिति ने विशेष ध्यान दिया है.
29 जून को मौसीबाडी से वापस लौटेंगे जगन्नाथ प्रभु
मंगलवार की सुबह 5 बजे से जगन्नाथ स्वामी का दर्शन सुलभ होगा. दोपहर 2 बजे से दर्शन बंद कर दिया जाएगा. दोपहर दो बजे के बाद विग्रहों का क्रमश: सुदर्शन चक्र, श्री गरूड जी, लक्ष्मी नरसिंह, बलभद्र स्वामी, सुभद्रा माता, जगन्नाथ स्वामी का रथ प्रस्थान होगा. शाम 6:05 बजे से महिलाओं का रथ के उपर जाकर दर्शन सुलभ होगा. रात 7 बजे दर्शन बंद और विग्रहों का रथ से मौसी बाडी मंदिर में प्रस्थान होगा. रात 8 बजे 108 दीपों की मंगल आरती के बाद प्रभु शयन में जाएंगे. वापसी रथयात्रा 29 को होगी.