Ranchi: कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के बीच आम लोगों की जिंदगी मुश्किल से गुजर रही है. इस बीच निजी स्कूल संचालकों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. इसके खिलाफ रोक लगाने के लिए झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में रांची के उपायुक्त से मिला.
प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त को इससे संबंधित एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कहा गया है कि राजधानी के कई स्कूलों ने छात्रों को ऑनलाइन क्लास से वंचित कर दिया है. इन स्कूलों की ओर से ट्यूशन फीस के अलावा विभिन्न मदों में भी फीस जमा करने का फरमान जारी किया गया है. जिसे जमा कर पाने में अभिभावक सक्षम नहीं हो पा रहे हैं. इस वजह से बच्चों को ऑनलाइन क्लास से रिमूव कर दिया गया है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने उपायुक्त का ध्यान झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 की ओर आकृष्ट कराते हुए कहा कि कोई भी स्कूल इस एक्ट के तहत अगर कहीं फीस बढ़ाती है या अन्य मद में कोई फीस लेती है, तो उक्त एक्ट के प्रावधानों के तहत कमेटी के अध्यक्ष (जिला के उपायुक्त) को सूचित करते हुए उनकी सहमति लेना जरूरी है. बगैर सहमति के स्कूल प्रबंधन द्वारा अन्य मद में फीस लेना उक्त एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन है. बावजूद इसके शहर के दर्जनों स्कूल प्रबंधन उक्त एक्ट का उल्लंघन करते हुए ट्यूशन फीस के साथ-साथ विभिन्न मदों में राशि वसूल रहे हैं.
श्री राय ने कहा कि अभिभावकों की समस्याओं को उपायुक्त छवि रंजन ने गंभीरता से लेते हुए प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि इस पर विधि-सम्मत कार्रवाई होगी.
उन्होंने बताया कि उपायुक्त ने बुधवार को विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर इस पर उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया है.
अजय राय ने बताया कि बुधवार को उपायुक्त ने पैरंट्स एसोसिएशन को एक्ट से संबंधित दस्तावेज के साथ बुलाया है साथ ही उन अभिभावकों को भी बुलाया है जिनके बच्चों का नाम ऑनलाइन क्लास से रिमूव कर दिया गया है.
प्रतिनिधिमंडल में विकास सिन्हा अजीत मिश्रा राजीव वर्मा नरेश मेहता पंकज कुमार पांडे संजय पासवान रेनू देवी अनिल शर्मा धर्मेंद्र बैठा दिनेश प्रसाद अरुण गोयल राकेश शर्मा सरबजीत सिंह ज्योति जयकुमार अमित कुमार ,धर्मदेव मेहता सहित दर्जनों अभिभावक शामिल थे.